shambhukant.sinha@inext.co.in PATNA: राजधानी पटना में खुलेआम अबॉर्शन पिल दवा दुकानों पर बिक रही है. हैरानी की बात है कि वे बिना डॉक्टर के सलाह या मेडिकेशन स्लिप के ही इसे धड़ल्ले से बेच रहे हैं. इसका खुलासा आई नेक्स्ट की पड़ताल में हुआ है. इसके लिए किए गए स्टिंग ऑपरेशन में ऐसी कई दुकानें मिली जिन्हें एमटी पिल मांगे जाने पर मेडिकेशन स्लिप की मांग नहीं की. तो ऐसे दवा दुकान भी मिले जिन्होंने पहले तो एमटी पिल का नाम सुन कहा कि यह उपलŽध तो नहीं है लेकिन बाद में इससे संबंधित ब्रांड नेम की दवा दी. इस पूरे ऑपरेशन में यह बात खुलकर सामने आई कि हेल्थ जैसे बेसिक चीजों पर कितनी मनमानी है कितनी लापरवाही है.

 

600 से 800 में बिक रही दवा

यह बात आपको अजीब लगे, लेकिन आई नेक्स्ट के स्टिंग में इस बात का खुलासा हुआ। जब रिपोर्टर ने विभिन्न दुकानोंं में जाकर इसकी मांग की। कहीं किसी ने 680, कहीं 760 तो कोई 700 रुपए में ही इसे बेच रहा था। इसमें ध्यान देने की बात यह ही कि जेनरिक नेम से मिलते जुलते नाम की भरमार रही। ये मिसोप्रोस्टॉल के जेनरिक नाम से आसानी से मिल जाती है। कई कंपनियां इस मिफीप्रिस्टन के काम्बिनेशन में उपलŽध कराती हैं। इसमें कई कंपनी की ऐसी दवाएं तो पŽिलकली आम प्रोडक्ट के तौर पर जमकर एडवरटाइज किया जा रहा है। लेकिन लोग यह भूल जाते हैं कि इसे सिर्फ डॉक्टरी सलाह के बाद ही लेना है।

 

कहां-कहां क्या मिला 

आई नेक्स्ट ने स्टिंग के दौरान विभिन्न दवा दुकानों में विजिट किया और एमटी पिल बोलकर इस अबॉर्शन पिल की मांग की। इसमें सबसे पहले दिन के 3.8 बजे राजा बाजार स्थित न्यू गेटवेल मेडिकल्स में दुकानदार ने तुरंत लाकर दिया। इसके बाद राजा बाजार में 3.13 बजे बिहार मेडिकल हॉल में जब इसकी मांग की गई तो वहां भी यह मिल गया। लेकिन यहां मजेदार बात यह रही कि जब रिपोर्टर शॉप से जाने लगा तो उसने कहा 'भईया, कम लगा देंगे, क्या हुआÓ। इसके बाद 3.29 बजे तारामंडल के पास ही नवरूप मेडिको में पहुंचा। यह मिला लेकिन कीमत थोड़ी अधिक बताई गई। करीब 740 रुपए दाम बताया गया। यहां यह पांच टेबलेट के किट के रूप में उपलŽध कराया जा रहा था। इसके बाद 3.42 बजे बोरिंग रोड स्थित संजीवनी मेडिकल में भी इतनी की कीमत में यह उपलŽध था। लेकिन इन सभी में किसी ने नहीं मेडिकेशन स्लिप की मांग नहीं की।

 

72 घंटे की बात याद रखें

यदि प्रेगनेंसी के 72 घंटे के अंदर अबॉर्शन पिल का इस्तेमाल किया जाए तो यह सेफ है। लेकिन प्राय: यह देखा गया है कि इसका इस्तेमाल तीन माह के बाद भी किया जाता है। इंडियन सोसाइटी ऑफ पेरिनेओलॉजी एंड रिप्रोडक्टिव बॉयलॉजी (आईएसपीआरबी) की सेक्रेटरी जनरल डॉ। रीता दयाल ने बताया कि भले ही अबॉर्शन पिल आसानी से उपलŽध है लेकिन बिना डॉक्टरी सलाह के लेना सेफ नहीं है। आखिर किस पेशेंट के लिए कितना डोज होगा, उसकी क्लीनिकल हिस्ट्री क्या है, आदि कई बातोंं को देखना होता है।

 

बिना डॉक्टर के सलाह के एमटी पिल या इससे संबंधित पिल लेना सेफ नहीं है। भले ही यह आसानी से उपलŽध है, लेकिन इसका यूज डॉक्टर की देख-रेख में ही किया जाना चाहिए।

-डॉ। रीता दयाल,  सेक्रेटरी जनरल आईएसपीआरबी

Posted By: Inextlive