नगर सेवा की बसों में आरक्षित जगहों पर भी नहीं मिलता है आरक्षण का लाभ

पटना (ब्यूरो)। बिहार राज्य पथ परिवहन निगम और प्राइवेट बसों में सीनियर सिटीजन, महिला, ट्रांसजेंडर, दिव्यांग के लिए सीट आरक्षित है। मगर पटना की बसों में स्टिकर गायब होने के चलते नियम का पालन नहीं हो रहा है। इससेे सबसे अधिक समस्या सीनियर सिटीजन और दिव्यांग यात्री को होता है.बता दें कि साल 2013 में बिहार राज्य परिवहन प्राधिकार द्वारा लिए गए निर्णय को निजी बस संचालकों ने आजतक लागू नहीं किया। विदित हो कि निजी बसों में यात्रियों की सुविधाओं को लेकर राज्य सरकार ने बिहार राज्य परिवहन प्राधिकार को आवश्यक कार्रवाई करने का आदेश दिया था। प्राधिकार ने निर्णय लिया था कि सरकारी बसों के साथ-साथ निजी बसों में भी दिव्यांग सीनियर सिटीजन के लिए सीट को आरक्षित किया जाएगा। बसों में आरक्षित सीटों पर सामान्य यात्रियों के कब्जा को लेकर दिव्यांग के लिए काम करने वाले संस्था तोषियाज के सचिव सौरभ कुमार ने शिकायत भी कि थी मगर आज तक कार्रवाइ नहीं हुई पढि़ए विस्तृत रिपोर्ट

सिटी बसों में होती है सबसे अधिक समस्या
बिहटा जाने वाले सीनियर सिटीजन राजकुमार ने बताया कि नगर सेवा की सिटी बसों में 15 फीसदी सीनियर सिटीजन यात्रा करते हैं। बावजूद इसके सीनियर सिटीजन के लिए सीट आरक्षित नहीं है। गांधी मैदान से खुलने वाली अधिकांश बसों में नैतिकता के आधार पर भी सीनियर सिटीजन को सामान्य यात्री जगह नहीं देते हैं। हद तो तब हो जाती है जब कोई दिव्यांग यात्री बस में चढ़ जाए और उसे जगह नहीं मिलता है ऐसे वे जान जोखिम में डालकर अपने गंतव्य तक जाते हैं।

फस्र्ट लाइन में जगह है आरक्षित
बताते चलें कि साल 2013 में तत्कालीन जिला परिवहन अधिकारी ने निजी बस संचालकों के साथ बैठक कर प्राधिकार द्वारा लिए गए निर्णयों से अवगत कराया था। उसमें स्पष्ट तौर पर कहा गया था कि सीनियर सिटीजन और दिव्यांग यात्रियों के लिए सभी प्रकार के बसों में प्रवेश द्वार के निकट प्रथम पंक्ति के दो सीटों को दिव्यांग व्यक्तियों के लिए सुरक्षित रखा जाए । उसके पीछे सीनियर सिटीजन के लिए सीट आरक्षित करने की बात कही गई थी। दिव्यांग यात्रियों की सुविधा के लिए वाहनों में व्हील चेयर की व्यवस्था वाहन मालिकों को ही करना था। मगर शहर की बसों में इस तरह की कोई व्यवस्था आज तक लागू नहीं हुई है।

स्टिकर फटने से हो रही है समस्या
इस संबंध में रिपोर्टर वाहन मालिकों और बिहार राज्य पथ परिवहन निगम के अधिकारियों से बात की तो अधिकारियों ने कहा कि बसों में जो सिट आरक्षण के लिए स्टिकर लगाया गया था। स्टिकर फटने की वजह से सामान्य यात्री आरक्षित सिट पर बैठ जाते है इसे जल्द ही सही करा लिया जाएगा। इस संबंध में बिहार राज्य पथ परिवहन निगम के आरएम अरविंद कुमार ने बताया कि दिव्यांग, सीनियर सिटीजन , ट्रांसजेंडर के लिए बसों में जगह निर्धारित है। स्टिकर फटने के बाद पेंट से भी लिखवाए थे। एक बार चेक करवा लेता हूं। नियम का पालन होगा।

Posted By: Inextlive