- वर्चुअल संवाद में शिक्षक और बुद्धिजीवियों को रक्षा मंत्री ने किया संबोधित

PATNA :

समाज में शिक्षक की भूमिका उस शिल्पी की तरह है जो छात्रों के भविष्य की तस्वीर बदलने की क्षमता रखता है। हर्ष की बात है कि पिछले डेढ़ दशक के अंदर बिहार में शिक्षा और शिक्षकों के विकास की दिशा में काफी कार्य हुए हैं। देश-विदेश में शिक्षा के क्षेत्र में बिहार के छात्रों ने परचम लहराया है। ये बातें रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने थर्सडे को भाजपा की ओर से पार्टी मुख्यालय के अटल सभागार में आयोजित शिक्षकों एवं बुद्धिजीवियों के साथ वर्चुअल संवाद के दौरान कही।

उन्होंने कहा कि मैं भी शिक्षक वर्ग से आता हूं। मुझे जब कभी शिक्षकों से बात करने का मौका मिलता है मैं उसे छोड़ता नहीं। ढाई दशक से बिहार के सामाजिक-राजनीतिक जीवन से भी जुड़ा रहा हूं। जीवन में शिक्षा के महत्व पर विस्तार से चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि शरीर के चार महत्वपूर्ण तत्व तन, मन, बुद्धि और आत्मा शिक्षा के जरिये ही प्राप्त हो सकते हैं।

भगवान बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति बिहार की ही पवित्र भूमि पर हुई। इसलिए शिक्षा को एक सम्पूर्ण दृष्टिकोण से अपनाने की आवश्यकता है। नई शिक्षा नीति का जिक्र करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा है कि 34 वर्षो के बाद आई शिक्षा नीति बदलते भारत के स्वरूप को निर्धारित करेगी। इस नीति में बुनियादी ज्ञान और कौशल विकास पर बल दिया गया है।

कार्यक्रम में विधान परिषद के कार्यकारी सभापति अवधेश नारायण सिंह केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय, उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी, पथ निर्माण मंत्री नंद किशोर यादव, स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय, कृषि मंत्री प्रेम कुमार, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण मंत्री विनोद नारायण झा, पूर्व विधान पार्षद नवल किशोर यादव, पूर्व विधायक डॉ चंद्रमा सिंह आदि उपस्थित थे। मंच संचालन भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष राजीव रंजन ने किया। धन्यवाद ज्ञापन करते हुए प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष डॉ संजय जायसवाल ने कार्यक्रम से जुड़ने के लिए शिक्षकों एवं बुद्धिजीवियों के प्रति आभार प्रकट किया।

Posted By: Inextlive