- ट्रेड यूनियनों की हड़ताल से दो हजार करोड का कारोबार प्रभावित

PATNA : सेंट्रल ट्रेड यूनियनों के आह्वान पर एक दिवसीय हड़ताल का राजधानी सहित पूरे बिहार में असर दिखा। जिसमें बैंक, बीमा, भारत संचार निगम,कोयला उद्योग, आयकर, सर्वे ऑफ इंडिया, डाक विभाग, उड्डयन विभाग आदि से संबंधित कर्मचारी शामिल थे। बंद के दौरान राजधानी पटना में सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था सबसे ज्यादा प्रभावित रही और सड़कों पर बेहद कम ऑटो और बसें दिखीं। ऑट्रो स्ट्राइक की वजह से स्टेशन से गांधी मैदान और स्टेशन आने-जाने वाले पैसेंजर्स को ऑटो नहीं मिली।

इसमें पेशेंट व उनके रिलेटिव ज्यादा परेशान हुए। सभी बैंक बंद थे, जबकि एकमात्र स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के सभी ब्रांच खुले थे। विभिन्न संस्थानों के कर्मचारी नेता सरकार के श्रम विरोधी नीति को लेकर झंडा- बैनर के साथ प्रदर्शन करते रहे। एसोचैम के स्टेट चेयरमैन आरएल खेतान के मुताबिक स्टेट में दो हजार करोड का कारोबार बाधित होने का अनुमान है। लोगों ने ऑनलाइन बैंकिंग का सहारा लेकर बैंकिंग लेन-देन का कामकाज पूरा किया। जीपीओ में भी कामकाज ठप होने का भी असर रहा।

रेल, रोड टै्रफिक पर पड़ा असर

स्ट्राइक के समर्थकों ने सड़क यातायात और ट्रेन रोकने का प्रयास किया। शुक्रवार की सुबह पटना के डाकबंगला चौक पर एक के बाद एक ट्रेड यूनियनों के समूह द्वारा डाकबंगला चौराहा जाम किया गया। इससे यातायात बाधित हुआ। जहानाबाद में बंद समर्थकों ने इंटरसिटी एक्सप्रेस को रोका। आरा में स्टेशन पर कई ट्रेनें रोकी गई। कोईलवर पुल पर धरना देकर वाहनों का परिचालन ठप कर दिया गया।

बीएसएनएल, डाक विभाग और आयकर सहित केन्द्रीय कार्यालयों में कामकाज ठप रहे। भागलपुर में जगदीशपुर के पास बांका इंटरसिटी ट्रेन को क्ख् मिनट के लिए आंदोलनकारियों ने रोके रखा। उधर, अररिया में प्रदर्शनकारियों ने कटिहार जोगबनी पैसेंजर (ट्रेन संख्या भ्भ्7फ्भ्) करीब आधे घंटे तक रोके रखा और जमकर नारेबाजी की। अन्य जिलों में भी असर देखा गया।

Posted By: Inextlive