बिहार का एक हिस्सा सूखे से तो दूसरा हिस्सा बाढ़ से प्रभावित रहने की संभावना : आईएमडी

पटना (ब्यूरो)। बिहार में एक बार फिर से एक साथ मौसम के दो रूख देखने को मिलेगा। जिसमें बिहार के एक हिस्से में बाढ़ तो दूसरे हिस्से में हीटवेव की स्थिति बनी रह सकती है। यह स्थिति पहले भी दिखी है और इस बार भी ऐसी स्थिति होने की संभावना है। मौसम विज्ञान केन्द्र की ओर से कैमूर, औरंगाबाद, रोहतास, गया, नवादा और बक्सर जैसे जिलों में सूखा की स्थिति रहेगी। अप्रैल माह से ही लगातार तापमान में बढ़ोतरी की वजह से ऐसा अनुमान किया जा रहा है। जहां 17 मई को प्रदेश में सर्वाधिक तापमान औरंगाबाद में 45.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था, वहीं 18 मई को बक्सर में यह 45 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। 18 मई को अधिकतम तापमान वाले जिलों में औरंगाबाद 44.4, नवादा 43.4, जमुई 41.4, गया 43.9, पटना 40.6 और बांका में 40.8 डिग्री सेल्सियस अधिकतम तापमान दर्ज किया गया।

बक्सर रहा सबसे गर्म
मौसम विभाग के पूर्वानुमान मेंं बताया गया है कि बिहार के उत्तर के जिलों में बारिश होगी। जबकि दक्षिण के हिस्सों में मौसम शुष्क बना हुआ है। बुधवार को उत्तर बिहार के कुछ हिस्सों में बारिश हुई। जिनमें प्रमुख स्थान गौनाहा रहा जहां 15.2 मिलीमीटर बारिश हुई। अररिया में 5.2 मिलीमीटर बारिश हुई। सर्वाधिक तापमान बक्सर में 45 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। पूर्वानुमान है कि उत्तरी जिलों में एक से दो स्थानों पर बारिश होने की संभावना है।

क्या कहते हैं एक्सपर्ट
वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक प्रो। प्रधान पार्थ सारथी ने बताया कि बिहार में एक सात सूखा और बाढ़ की स्थिति आश्चर्य की बात नहीं है। यह स्थिति पूर्व में भी रही है। बिहार का दक्षिणी हिस्सा विंध्यन पर्वत के सैडो जोन में आता है। यहां सूखा की स्थिति बनती है। जबकि नार्थ बिहार का हिस्सा नेपाल का तराई वाला हिस्सा है जहां जून-जुलाई के समय में मानसून ट्रफ गुजरता है। यह तय बात है कि जहां मानसून ट्रफ गुजरेगा वहां पर जमकर बारिश होगी। ऐसा होता भी रहा है। मानसून ट्रफ एक लो प्रेशर का क्षेत्र है जहां बारिश होती है।


संभावित बाढ़ व सुखाड़ को लेकर अलर्ट
सीएम नीतीश कुमार की अध्यक्षता में बाढ़ एवं सुखाड़ की पूर्व तैयारी की उच्च-स्तरीय समीक्षा की गई। मुख्यमंत्री सचिवालय स्थित संवाद में करीब साढ़े पांच घंटे तक समीक्षा बैठक चली। मुख्यमंत्री ने संबंधित विभागों के अधिकारियों और जिलाधिकारियों को निर्देश दिया कि मानसून के आगमन के पहले सभी आवश्यक तैयारी समय से पूरी कर लें और उन्होंने कहा कि लोगों की दवाएं, पशुओं की दवा, सांप काटने की दवा, कुत्ता काटने की दवा, ब्लीचिंग पाउडर, डायरिया की दवा पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध रखें।

बाढ़ का करें सही आंकलन
सीए ने यह भी निर्देश दिया कि बाढ़ की स्थिति में प्रभावित इलाकों का सटीक आकलन करवाएं। प्रभावित परिवारों की सूची बनाते समय यह ध्यान रखा जाए कि कोई भी वास्तविक हकदार लाभ से वंचित न हो। उन्होंने कहा कि जिन जिलों में बाढ़ आश्रय स्थल का निर्माण कार्य पूरा नहीं हुआ है, वहां तेजी से यह कार्य पूरा कराएं। पिछले वर्ष सामुदायिक रसोईघर का संचालन बेहतर ढंग से किया गया था। इस वर्ष भी बाढ़ की स्थिति में सामुदायिक रसोईघर का संचालन बेहतर ढंग से होना चाहिए।

13 जून तक आएगा मानसून
इससे पहले बैठक में भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के प्रतिनिधि ने इस वर्ष मानसून सत्र के दौरान वर्षापात के पूर्वानुमान की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि 13 जून तक राज्य में मानसून आगमन की संभावना है। इस वर्ष मानसून अवधि के दौरान राज्य में सामान्य या सामान्य से अधिक वर्षा होने की संभावना है।

Posted By: Inextlive