-पश्चिमी और पूर्वी चंपारण में राहत के लिए सड़क जाम और प्रदर्शन

PATNA: प्रदेश में संडे को बाढ़ का कहर जारी रहा। उत्तर बिहार में तिरहुत नहर, बाया नदी और जमींदारी तटबंध टूट गए हैं। बाढ़ के पानी में डूबने से 15 लोगों की मौत हो गई। इसमें सहरसा में चार, गोपालगंज, पश्चिम चंपारण और शिवहर के दो -दो और पूर्णिया, कटिहार, छपरा, मधुबनी व पूर्वी चंपारण के एक-एक की मौत हुई है।

राहत के लिए रोड पर प्रदर्शन

मुजफ्फरपुर जिले के मुरौल प्रखंड में तिरहुत नहर का बांध और सकरा प्रखंड में बाया नदी का बांध टूट गया। कई गांवों में पानी फैल गया। मोतीपुर-जैतपुर स्टेट हाईवे पर पानी चढ़ गया है। दरभंगा जिले के केवटी प्रखंड के बिरने गांव में फिर जमींदारी बांध फिर टूट गया। यहां शनिवार को भी बांध टूटा था। बूढ़ी गंडक में उफान से समस्तीपुर शहर के रेल पुल पर खतरा बढ़ गया है। चार प्रखंडों में रेड अलर्ट जारी कर दिया है। मधुबनी जिले के दर्जनों गांव पानी से घिरे हैं। शिवहर में बागमती का कटाव जारी रहा। सीतामढ़ी में जलजमाव से परेशानी है। पश्चिम चंपारण के मधुबनी और पूर्वी चंपारण के सिरसा में राहत के लिए सड़क जाम व प्रदर्शन किया गया।

छपरा सांसद के आवास तक पानी

गोपालगंज में वाल्मिकीनगर बराज से पानी का डिस्चार्ज कम होने के कारण बाढ़ प्रभावित गांवों में पानी का बढ़ना थम गया है। बावजूद इसके गांवों में तीन फीट तक पानी भरा होने के कारण 261 गांवों के लोगों की मुसीबत कम होती नहीं दिख रही है। एक लाख लोग अब भी गांवों में अपने पक्के मकान की छत पर शरण लिए हुए हैं। छपरा के अमनौर में सांसद राजीव प्रताप के आवास परिसर में भी पानी पहुंच गया। उधर, छपरा जिले में सारण तटबंध टूटने के बाद से सात प्रखंडों में तबाही का मंजर है। पानापुर, तरैया, परसा, मकेर, अमनौरा, मढ़ौरा एवं मशरक इन सात प्रखंड के 64 पंचायतों के 252 गांव बाढ़ प्रभावित हैं।

Posted By: Inextlive