भारत में कई रहस्‍यमय शिवलिंग हैं। जिनके पीछे का रहस्‍य कोई नहीं जान पाया। कई वैज्ञानिक ने इन शिवलिंगो का रहस्‍य जानने के लिए अपनी पूरी जिंदगी लगा दी पर उनके हाथ कुछ ना लगा। कहा जाता है भगवान को समझने के लिए भक्‍त की भक्‍ती से बड़ कर कुछ भी नहीं है। प्रकृति और परमब्रम्‍ह को समझाने के लिए विज्ञान नहीं आध्‍यात्‍म की आवश्‍यकता है। एक ऐसा ही अनोखा शिवलिंग हिमाचल प्रदेश में हैं। कहा जाता है इस शिवलिंग पर हर 12 वर्ष में एक बार बिजली गिरती है जिसके बाद शिवलिंग चूर-चूर हो जाता है।

हिमाचल के कुल्लू में स्थित है शिवलिंग
हिमाचल के कुल्लू में स्थित इस अनोखे मंदिर का नाम भी बिजली महादेव मंदिर है। शिवजी का यह मंदिर ब्यास और पार्वती नदी के संगम के नजदीक एक पहाड़ पर बना है। गांव के लोग कहते हैं कि बिजली गिरने से जानमाल का नुकसान होता है। देवों के देव महादेव अपने भक्तों की रक्षा के लिए बिजली के आघात को भी सहन कर लेते हैं। आसमानी बिजली गिरने की वजह से शिवलिंग चकनाचूर हो जाता है। जब पुजारी इसे मक्खन से जोड़ते हैं तो पुना अपने पूर्ण रूप में आ जाता है।

इसलिए गिरती है 12 वर्षो में बिजली
भगवान शिव ने जैसे ही अपने त्रिशूल से कुलांत का वध किया वैसे ही उसका शरीर पहाड़ बन गया। इसके बाद भगवान शिव ने इंद्र को आदेश दिया कि हर 12 वर्ष में एक बार इस जगह पर बिजली गिराएं। ऐसा माना जाता है कि बिजली गिरने का यह सिलसिला तभी से चला आ रहा है। यहां के लोग मंदिर पर बिजली गिरते देखते हैं। अपने भक्तों की अटूट आस्था को कायम रखते हुए भोलेनाथ सैकड़ो वर्षो से यूं ही अपने भक्तों की रक्षा कर रहे हैं।

Posted By: Prabha Punj Mishra