-भौंती हाईवे पर बाइक सवार तीन छात्रों को कार ने मारी टक्कर, दो की मौके पर मौत

-हाईवे फ्लाईओवर पर बिना हेलमेट ट्रिपलिंग कर जा रहे थे तीनों छात्र

KANPUR : भौंती हाईवे पर सोमवार को रफ्तार के शौक में दो छात्रों की जान चली गई। बिना हेलमेट हाईवे फ्लाईओवर पर ट्रिपलिंग करके जा रहे तीन छात्रों को तेज रफ्तार कार ने पीछे से टक्कर मार दी। हादसे में दो छात्रों की मौके पर ही मौत हो गई। जबकि तीसरा गंभीर रूप से घायल हो गया। मरने वाले छात्रों में एक ऑटो चालक का बेटा है तो दूसरा कस्टम विभाग के कर्मचारी का बेटा है।

नेवी में हो गया था सेलेक्शन

संजय गांधी नगर निवासी कस्टम विभाग में कार्यरत रमेश चंद्र का छोटा बेटा अंकित दुबे (19) बीएससी फाइनल ईयर का छात्र था। अंकित का बड़ा भाई अभिषेक पुलिस विभाग में कार्यरत है। अंकित का नेवी में सेलेक्शन हो गया था। उसे इसी 18 फरवरी को जाना भी था, लेकिन उससे पहले ही हादसे में उसकी जान चली गई। वहीं दामोदर नगर निवासी ऑटो चालक रवींद्र द्विवेदी का बड़ा बेटा आशीष (20) भी बीएससी फाइनल ईयर का छात्र था। इसके अलावा सोमवार को उनका एक और दोस्त अनुरंजन भी उनके साथ बाइक से भौंती जा रहे थे।

सिर पर चोट से गई जान

सोमवार को हुए इस हादसे में अंकित और आशीष दोनों के ही सिर में गंभीर चोटें आई, जिससे उनकी मौत हो गई। वहीं अनुरंजन भी गंभीर रूप से घायल है। पनकी एसओ आशीष मिश्र के मुताबिक मौके से कोई हेलमेट नहीं मिला है। फ्लाईओवर पर वाहन काफी तेज रफ्तार से चलते हैं। जिस वाहन ने टक्कर मारी उसका पता लगाया जा रहा है। परिजनों को सूचना देकर शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है, जबकि घायल का इलाज चल रहा है।

सीएम ऑफिस से आया फोन

पनकी में रोड एक्सीडेंट में जिस छात्र अंकित दुबे की मौत हुई उसका पोस्टमार्टम सोमवार को ही कराने के लिए सीएम कार्यालय लखनऊ से फोन आया। सीएम कार्यालय से अंकित के पोस्टमार्टम के लिए डीएम को फोन आया। जिसके बाद डीएम ने सीएमओ को सोमवार को ही उसका पोस्टमार्टम कराने के आदेश दिए। वहीं शाम को परिजनों ने खुद ही मंगलवार सुबह पोस्टमार्टम कराने के लिए कहा।

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इन बातों का रखें ध्यान

पूर्व एआरटीओ विकास कुमार मिश्र का कहना है कि टू-व्हीलर हो या फोर व्हीलर गाड़ी चलाते वक्त नियमों का पालन जरूर करना चाहिए। लेकिन अक्सर एक्सीडेंट्स में देखा जाता है कि लोग रूल्स को फॉलो नहीं करते हैं। ऐसे में कई तरह की प्रॉब्लम सामने आ सकती हैं। कभी-कभी तो मेडिक्लेम के तहत होने वाले इलाज में भी रूल को फॉलो न करने पर मनाही हो जाती है। इसके अलावा लाइफ इंश्योरेंस में भी काफी दिक्कतें आ सकती हैं।

Posted By: Inextlive