RANCHI: रांची पुलिस ने शहर से बाइक चुराकर नक्सलियों के साथ-साथ दूसरे राज्यों में बेचने वाले एक बड़े गिरोह का खुलासा किया है। तमाड़ थाना की पुलिस ने चोरी की ख्भ् बाइक के साथ गिरोह के सरगना मोहन सेठ समेत पांच अपराधियों को दबोच लिया है। पुलिस तमाड के सरजमडीह चौक पर चेकिंग अभियान चला रही थी। तभी एक बाइक सवार फरार होने की कोशिश करने लगा, जिसे पुलिस के जवानों ने खदेड कर पकड लिया। जांच के क्रम में युवक कुख्यात बाइक चोर मोहन सेठ निकला। अरेस्टिंग के बाद उसकी निशानदेही पर तमाड़ के अलग-अलग इलाकों से ख्भ् चोरी की बाइक बरामद की गई। वहीं मोहन के चार साथी भी पकडे गए।

एसएसपी ने बनाई थी टीम

राजधानी रांची में बाइक चोरी की बढ़ती वारदातों के बाद रांची एसएसपी कुलदीप द्विवेदी ने हर थाना क्षेत्र में बाइक चोरो को पकडने के लिए एक- एक टीम का गठन किया है। इसके बाद टीम लगातार बाइक चोरों की तलाश में लगी हुई थी। इसी क्रम में बुंडू डीएसपी को एक खबरी ने सूचना दी कि चोरी की बाइक की एक बडी खेप तमाड़ इलाके में छुपा कर रखी गई है, जिसे सम्भवत: नक्सलियों के पास भेजा जाना है या फिर दूसरे राज्यो में नम्बर बदलकर खपाया जाएगा।

क्00 से अधिक बाइक नक्सलियों को बेची

गिरफ्तार मोहन सेठ ने बताया कि गिरोह शहर से बाइक चोरी कर गाँव मे जमा करते थे। वही बाइक के नम्बर बदल उन्हे कभी जंगल मे बेच दिया करते तो कभी दूसरे राज्यो में। मोहन के अनुसार जंगल मे बाइक आसानी से बिक जाती है। इस गिरोह ने अभी तक क्00 से अधिक बाइक चोरी कर नक्सलियों तक पहुचाई है।

वेस्ट बंगाल में होती थी बिक्री (बॉक्स)

अपराधियों ने बताया कि वे चोरी की गईं बाइक तमाड़ के ग्रामीण क्षेत्रों व पश्चिम बंगाल में जाकर बेच देते थे। सभी अंतरराज्यीय बाइक चोर गिरोह के सदस्य हैं। पुलिस ने इससे पूर्व चोरी की 7 बाइकों को नामकुम थाने भेजा है। चोर बाइक चोरी कर नंबर बदल देते थे। साथ में चेसिस नंबर व इंजन नंबर में भी हेरफेर कर देते थे। चोरी की बाइक को बीड़ी पत्ता को पश्चिम बंगाल ले जाने के काम में प्रयोग करते थे।

इनकी हुई गिरफ्तारी (बॉक्स)

शिवप्रसाद साव उर्फ बबलू

मनोज सेठ, नीरज सेठ

रामचंद्र कुम्हार

रघुनाथ मुंडा,

कालीचरण मुंडा

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इन इलाकों से हुई थी बाइक चोरी (बॉक्स)

गिरफ्तार चोरी के आरोपियों ने बताया कि वे रांची के जगन्नाथपुर, डोरंडा, नामकुम, जमशेदपुर सहित अन्य जगहों से चोरी करते थे। बाद में उसे तमाड़ व पश्चिम बंगाल के पुरुलिया सहित अन्य जिलों में बेचते थे।

Posted By: Inextlive