हेल्थ, एजुकेशन और सोशल एक्टिविटी पर बिल गेट्स और सीएम नीतीश कुमार ने की चर्चा

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जल-जीवन हरियाली अभियान के बारे में भी दी विस्तार से जानकारी

PATNA: पिछले 20 वर्षो में बहुत कम स्थान ऐसे हैं जिसने बिहार की तुलना में गरीबी और बीमारी के खिलाफ इतनी अधिक प्रगति हासिल की है। बिहार में अब जन्म लेने वाले एक शिशु में अपने पांचवें जन्मदिन तक पहुंचने की संभावना, दो दशक पहले की तुलना में दोगुने से अधिक है। उन्होंने कहा कि हमें यह सुनिश्चित करना है कि सभी बच्चे स्वस्थ रहें और अच्छी शिक्षा प्राप्त करने में सक्षम हों। इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए उनका फाउंडेशन राज्य सरकार के साथ काम करने के लिए प्रतिबद्ध है। यह बातें रविवार को सीएम के साथ विमर्श कार्यक्र में बिल गेट्स ने कही। मुख्यमंत्री सचिवालय स्थित संवाद कक्ष में बिल गेट्स ने रविवार को सीएम नीतीश कुमार के साथ एक विमर्श में हिस्सा लिया। मौके पर सीएम ने कहा कि बिहार में बिल एंड मिलिंडा गेट्स फाउंडेशन स्वास्थ्य और विकास से जुड़े कई क्षेत्रों में काम कर रहा है। फाउंडेशन के सह अध्यक्ष व ट्रस्टी के रूप में बिल गेट्स पटना पहुंचे थे।

जलवायु परिवर्तन पर चिंता

सीएम ने बिल गेट्स को यह भी बताया कि जलवायु परिवर्तन के प्रतिकूल प्रभाव का मुकाबला करने और पारिस्थितिकी संतुलन को लेकर बिहार में जल-जीवन-हरियाली अभियान शुरू किया गया है। सीएम ने कहा कि लोक स्वास्थ्य के क्षेत्र में राज्य सरकार अधिक प्रशासनिक व प्रबंधन क्षमता

के साथ गुणवत्तापूर्ण चिकित्सीय सुविधा उपलब्ध कराने को संकल्पित है। स्वयं सहायता समूहों के कार्यो के बारे में भी विस्तार से बताया।

फाउंडेशन के साथ साझेदारी जारी रहे

मुख्यमंत्री के साथ विमर्श कार्यक्रम में सीएम ने कहा कि लोक स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार, सामुदायिक स्तर पर जन व्यवहार परिवर्तन, पोषण, स्वास्थ्य और कृषि क्षेत्रों में अभिनव प्रयास को बढ़ाने के लिए बिल एंड मिलिंडा गेट्स फांउडेशन की सहभागिता प्रशंसनीय है। वह चाहते हैं कि स्वास्थ्य, समाज कल्याण, कृषि, महिला सशक्तिकरण और ग्रामीण विकास विभाग में स्थाई प्रणाली को और मजबूत करने को लेकर फाउंडेशन के साथ साझेदारी जारी रहे। यह बातें सीएम नीतीश कुमार ने कही। उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी और स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय भी मौजूद थे।

व्यापक रोडमैप बनाने पर मंथन

विमर्श में स्वास्थ्य क्षेत्र में संरचनात्मक सुधारों को प्राथमिकता देने पर जोर दिया गया। प्राथमिक स्वास्थ्य व्यवस्था को मजबूत किए जाने पर चर्चा हुई। व्यापक रोडमैप की बात हुई। इस बात पर सहमति बनी कि उपेक्षित ट्रॉपिकल रोगों कालाजार, लिंफेटिक फाइलेरिया व संक्रामक रोगों जैसे यक्ष्मा के उन्मूलन में पूर्व की प्रतिबद्धता में तेजी लाई जाएगी। डिजिटल डैशबोर्ड और निर्णय सहयोग प्रणाली के माध्यम से समावेशी कृषि परिवर्तन योजना और पशुधन मास्टर प्लान से जुड़ी प्रगति की निगरानी पर चर्चा हुई।

Posted By: Inextlive