दैनिक जागरण आई नेक्स्ट के 'बिन में फेंक' कैंपेन से जुड़ रहे लोग, अफसरों ने प्रयास को सराहा

PRAYAGRAJ: खुद को सुधार लें। सोसायटी में अपने आप बदलाव आने लगेगा। दूसरे स्वत: प्रेरित होने लगेंगे। यह बात शहर के कचरा प्रबंधन पर भी फिट बैठती है। हम दूसरों को दोष देते हैं लेकिन कभी यह नहीं सोचते कि पहले खुद को परखें। ऐसा तो नहीं है कि हम डस्टबिन के बाहर कूड़ा फेंक रहे हैं और दूसरे को कोस रहे हैं। हमारी बिन में फेंक कैंपेन ने लोगों को यही सीख दी है और चारों ओर इसकी सराहना की जा रही है। समाज के प्रत्येक वर्ग के लोगों का कहना है कि ऐसे अभियान चलते रहने से सोसायटी को सही दिशा दिखाई जा सकती है।

हो रहे जागरुक, बदल रही सोच

दैनिक जागरण आई नेक्स्ट के अभियान के साथ धीरे धीरे शहर के तमाम वर्ग के लोगों ने जुड़ना शुरू कर दिया है। मुट्ठीगंज के देवेश सिंह कहते हैं कि अब वह डस्टबिन में ही कूड़ा फेकते हैं। अगर कोई इधर-उधर कूड़ा फैलाता मिल जाता है तो उसे भी टोक देते हैं। कीडगंज के नसीम अपने घर के पास रखे डस्टबिन के आसपास आवारा जानवरों को नहीं फटकने देते हैं। कहते हैं कि यह गंदगी फैलाने का काम करते हैं। चकिया के रहने वाले सुनील श्रीवास्तव और उनके पड़ोसी डस्टबिन में कूड़ा फेकने लगे हैं।

पूरी दुनिया में कुंभ मेला इसीलिए प्रसिद्ध हुआ कि लोगों ने स्वच्छता के प्रति अवेयरनेस दिखाई। लोगों ने बिन में कूड़े को फेका। ऐसा ही कैंपेन आपके द्वारा भी चलाया जा रहा है। इसलिए मेरी लोगों से अपील है कि कूड़े सही जगह पर ही डाला जाए।

डॉ। आशीष गोयल, कमिश्नर प्रयागराज

हमारा शहर स्मार्ट सिटी बनने जा रहा है। जिसकी स्वच्छता ही थीम है। हम लोगों को लगातार प्रेरित कर रहे हैं। आपका यह प्रयास समाज को उचित दिशा दे रहा है। अगर सभी लोग डस्टबिन में कूड़ा फेकना शुरू कर दें तो गंदगी से छुटकारा मिल सकता है।

भानुचंद्र गोस्वामी, डीएम प्रयागराज

अक्सर देखा जाता है कि लोग सड़क पर कूड़ा फेक देते हैं। अगर बगल में डस्टबिन है तो तब भी उसमें डालने की कोशिश नही करते। गंदगी से एक साथ कई बीमारियों का संक्रमण फैलता है। इसलिए आपका अभियान सराहनीय है और लोगों को प्रेरित कर रहा है।

डॉ। अरविंद गुप्ता, सीनियर नेफ्रोलाजिस्ट, एमएलएन मेडिकल कॉलेज

नगर निगम अपनी ओर से डस्टबिन लगा देता है लेकिन जानवर उसमें पड़ा कूड़ा इधर-उधर फैलाते हैं। इस पर रोक लगनी चाहिए। सिविक सेंस का पालन भी होना चाहिए। अगर हमारे सामने ऐसा होता है तो उस पर रोक लगाना जरूरी है।

डॉ। ऋषि सहाय, आपदा प्रबंधन अधिकारी स्वास्थ्य विभाग

यह पुरानी आदत है। एक दिन में बदल नही सकती। हमारे देश में पुरातन काल से लोग सड़क पर कूड़ा फेंकते आ रहे हैं। इस आदत को बदलने के लिए दैनिक जागरण आई नेक्स्ट जैसी कैंपेन की जरूरत है। आपके प्रयास से लोगों की सोच में फर्क पड़ेगा।

अजय अग्रवाल, व्यापारी

हमलोग भी इस प्रयास को आगे बढाने की योजना बना रहे हैं। अपने साथ दूसरों को भी प्रेरित कर रहे हैं कि वह कूड़े को उचित स्थान पर ही फेंकें। उनके ऐसा करने से समाज को सही सबक मिलेगा और हमारा शहर स्वच्छ और साफ बनकर उभरेगा।

नवीन धूपर, व्यापारी

अगर हम डस्टबिन में कूड़ा फेंक रहे हैं तो इसका यह मतलब नही कि हमारा कर्तव्य पूरा हो गया। हमें चाहिए कि दूसरों को भी ऐसा करने के लिए प्रेरित करें। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट के इस प्रयास का मतलब भी यही है कि सभी स्वच्छता के लिए सभी को मोटीवेट करें।

राजू गांधी, व्यापारी

हम सभी को दैनिक जागरण आई नेक्स्ट को धन्यवाद देना चाहिए। ऐसे संवेदनशील मामले को उन्होंने समाज के सामने जिस प्रकार से रखा वह तारीफ के योग्य है। इससे हमें भी प्रेरणा मिली कि कूड़े को इधर उधर बिखराने से अच्छा है बिन में फेककर कूड़ा प्रबंधन में अपना प्रयास सार्थक करें।

अजय दुबे, व्यापारी

मेडिकल कॉलेज में जगह-जगह सूचना चस्पा की गई है कि कूड़े को डस्टबिन में डालें। लोग इसका पालन भी करने लगे हैं। शहर में भी ऐसा हो जाए तो बेहतर होगा। आपका यह अभियान इस दिशा में मील का पत्थर साबित होगा.,

प्रो। एसपी सिंह,

प्रिंसिपल, एमएलएन मेडिकल कॉलेज प्रयागराज

Posted By: Inextlive