क्त्रन्हृष्ट॥ढ्ढ : राजधानी की सफाई व्यवस्था बेपटरी हो चुकी है. लाख कोशिशों के बाद भी लोगों की समस्याएं न तो जन प्रतिनिधि सुन रहे हैं और न ही अधिकारी इसे सॉल्व करने में दिलचस्पी ले रहे हैं. यहीं वजह है कि शहर में चारों ओर गंदगी का अंबार लगा हुआ है. हारकर लोगों ने अब समस्या के समाधान के लिए मुख्यमंत्री जनसंवाद का रुख किया है. बड़ा पेंच ये भी है कि कंप्लेन दर्ज कराए न तो घर का कचरा उठेगा और न ही नाली की सफाई होगी. ऐसे में हर दिन कूड़ा उठाने व नाली सफाई कराने के लिए शिकायत दर्ज कराई जा रही है. तत्काल दर्ज कराई गई शिकायत का तो समाधान कर दिया जा रहा है लेकिन बाकी लोग दुर्गध के बीच जीने को मजबूर हैं. ऐसे में बड़ा सवाल ये है बिना गुहार लगाए क्या नगर निगम लोगों को गंदगी से निजात नहीं दिला सकता है.

काम होने पर फोटो करें अपलोड

मुख्यमंत्री जनसंवाद में कंप्लेन दर्ज कराने के बाद एक कंप्लेन नबंर दिया जाता है. इसके बाद उसे कंसर्निग विभाग को भेज दिया जाता है. जिसकी जानकारी वेबसाइट पर अपलोड कर दी जाती है. इसके बाद समस्या का समाधान करते हुए उसकी फोटो भी वेबसाइट पर अपलोड करनी होती है. इसके बाद कंप्लेन करने वाले को कॉल करके फीडबैक भी लिया जाता है कि उनकी समस्या का समाधान हुआ या नहीं. इसके बाद कंप्लेन को क्लोज कर दिया जाता है.

कंट्रोल रूम में सैकड़ों कॉल

रांची नगर निगम में भी गंदगी और पानी की समस्या के समाधान के लिए कंट्रोल रूम बनाया गया है. जहां सुबह से शाम तक गंदगी और पानी के लिए सैकड़ों कॉल आते हैं. वहीं लोग समस्या की फोटो भी भेज रहे हैं. इसके बाद संबंधित अधिकारियों और सुपरवाइजरों को डिटेल भेजी जा रही है. वहीं तय समय में समस्या का समाधान नहीं होने पर कंप्लेन अपने आप ही सीनियर अधिकारियों के पास चला जा रहा है. इतना के बाद भी पब्लिक की अपनी समस्या के समाधान के लिए तमाम पापड़ बेलने पड़ रहे हैं.

Posted By: Prabhat Gopal Jha