- 99 हजार स्टूडेंट्स बोर्ड एग्जाम में बैठेंगे

- 115 के करीब सेंटर बनेंगे

- 9 स्टैटिक मजिस्ट्रेट नियुक्त किये जा सकते हैं

- 2 पॉली में होते हैं बोर्ड एग्जाम

- कॉल सेंटर की तरह काम करेगा बोर्ड परीक्षा का कंट्रोल रूम

- इंटरनेट और कंप्यूटरों से लैस होगा कंट्रोल रूम

LUCKNOW : यूपी बोर्ड की परीक्षा में इस बार माध्यमिक शिक्षा निदेशालय की ओर से काफी सख्ती करने की तैयारी की जा रही है। बोर्ड पायलेट प्रोजेक्ट के तौर पर प्रदेश के कुछ जिलों में बायोमैट्रिक्स सिस्टम को लागू करने जा रहा है। डीआईओएस डॉ। मुकेश कुमार सिंह ने बताया कि बोर्ड ने इस संबंध में दिशा निर्देश भेजे हैं। फिलहाल इसे अभी कुछ ही सेंटर्स पर लागू करने की तैयारी की जा रही है। इस सिस्टम को नकल रोकने और परीक्षा की सुचिता को बनाए रखने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है।

शिक्षक और छात्र दोनों की लगेगी उपस्थिति

डॉ। मुकेश कुमार सिंह ने बताया कि बायोमैट्रिक्स सिस्टम को हम कुछ सेंटर्स पर शुरुआत में लगाएंगे। इसके तहत उस सेंटर्स पर परीक्षा ड्यूटी में लगाए गए शिक्षक और वहां परीक्षा देने आने वाले सभी छात्रों की उपस्थिति को इसके माध्यम से दर्ज करेंगे। इसके लिए केंद्रों पर सभी शिक्षकों और छात्रों का डाटा परीक्षा शुरू होने वाले दिन ही अपलोड करा लिया जाएगा। इसके बाद जैसे से परीक्षा आगे बढ़ेगी छात्र और शिक्षक उसी के अनुसार अपनी उपस्थिति दर्ज करेंगे।

लाइव होगी सेंटर्स की मॉनीटरिंग

यूपी बोर्ड परीक्षा के दौरान जिला स्तर पर सेंट्रलाइज्ड कंट्रोल रूम बनाया जाएगा। कंट्रोल रूम कॉल सेंटर की तरह काम करेगा। कम्प्यूटर व इंटरनेट युक्त कंट्रोल रूम से सभी परीक्षा केंद्रों की गतिविधियों पर नजर रखी जाएगी। पहली बार परीक्षा के लिए इस तरह का कंट्रोल रूम बनाने की योजना है। अभी सेंट्रलाइज्ड कंट्रोल रूम का स्थान तय नहीं किया गया है। इस बार परीक्षा केंद्रों पर सचल दस्ते व स्टैटिक मजिस्ट्रेट की निगरानी तो रहेगी ही साथ ही सेंट्रलाइज्ड कंट्रोल रूम के माध्यम से भी इन पर नजर रखी जाएगी। जिले में कॉल सेंटर की तरह कंट्रोल रूम विकसित किया जाएगा, जहां से सभी परीक्षा केंद्रों के परीक्षा कक्षों के अंदर की गतिविधियों पर नजर रखी जा सकेगी। परीक्षा केंद्रों के परीक्षा कक्षों में वायस रिकॉर्डर के साथ दो-दो सीसीटीवी कैमरे लगे होंगे। वहीं इस बार डीवीआर की क्षमता बढ़ाने के साथ राउटर भी लगाया जाएगा। राउटर के माध्यम से परीक्षा केंद्रों के परीक्षा कक्षाओं के अंदर की गतिविधियां सीसीटीवी कैमरे के जरिए ऑनलाइन होंगी, जिसे आईपी एड्रेस और लॉगइन पासवर्ड देखा जा सकेगा।

एक कम्प्यूटर से 15 से 16 केंद्रों की होगी निगरानी

सेंट्रलाइज्ड कंट्रोल रूम में इंटरनेट युक्त कम्प्यूटर स्थापित किए जाएंगे। हर कम्प्यूटर से अधिकतम 15 से 16 परीक्षा केंद्रों पर बराबर नजर रखी जाएगी। आईपी एड्रेस के माध्यम से परीक्षा कक्षाओं के अंदर की गतिविधियों पर बैठे-बैठे ही निगरानी रखी जाएगी। निरीक्षण के लिए राजकीय विद्यालय के दो-दो शिक्षकों की डयूटी लगाई जाएगी। परीक्षा केंद्र तय हो जाने के बाद बोर्ड परीक्षा से एक महीने पहले जिला विद्यालय निरीक्षक को आईपी एड्रेस और लॉगइन पासवर्ड देना हेागा। परीक्षा केंद्रों को सील बंद लिफाफे में डीआईओएस को यह मुहैया कराना होगा ताकि वे कंट्रोल रूम से परीक्षा केंद्रों को ऑनलाइन कनेक्ट करा सकें।

Posted By: Inextlive