- एनई रेलवे के 2920 कोच में लगाए गए 9311 बायोटॉयलेट

- एडवांस हाइब्रिड कोचेज में भी लगाने का काम फाइनल स्टेज में

- साफ-सुथरा ट्रैक रखने के लिए रेलवे का अहम कदम

GORAKHPUR: नए साल में अब पटरियों पर टॉयलेट की गंदगी नहीं गिरेगी। स्टेशन भी साफ-सुथरे नजर आएंगे। एनई रेलवे ने 2920 ट्रेडिशनल कोचेज में 9311 बायोटॉयलेट लगा दिया है। हाइब्रिड कोचेज में भी बायोटॉयलेट लगाने का काम आखिरी फेज में पहुंच चुका है और दिसंबर में पूरा हो जाएगा। गोरखपुर स्थित यांत्रिक कारखाना में एनई रेलवे सहित दूसरे जोन के 627 कोचेज में भी 1989 बायोटॉयलेट लगाए गए हैं। इससे ट्रैक पर गंदगी नहीं गिरेगी और वह साफ-सुथरे नजर आएंगे।

बोर्ड लेवल पर मिली है तारीफ

रेलवे यांत्रिक कारखाने ने कई जोनल रेलवे के कोचेज में बायो टॉयेलट इंस्टॉल किए हैं। उनकी इस उपलब्धि पर रेलवे बोर्ड लेवल पर इसकी तारीफ की गई है। दिल्ली में ऑर्गनाइज 13वें इंटरनेशनल रेलवे इक्विपमेंट एग्जिबिशन में एनई रेलवे के बायोटैंक फिटमेंट स्टॉल का मुआयना करने के बाद बोर्ड मेंबर रोलिंग स्टाक ने पीसीएमई की टीम को बधाई दी। टीम में शामिल उपमुख्य यांत्रिक इंजीनियर सत्य प्रकाश श्रीवास्तव, सीनियर सेक्शन इंजीनियर रमेश पांडेय व ओम प्रकाश सिंह प्रचार निरीक्षक आदि को सर्टिफिकेट देकर सम्मानित भी किया है।

तीन रेल रूट पर तैयार है ग्रीन कॉरिडोर

छपरा-थावे, टनकपुर-पीलीभीत और भोजीपुरा-पीलीभीत रेल खंड पर रेलवे ने ग्रीन कॉरिडोर बनाया है। इन मार्गो पर बायोटॉयलेट कोच वाली ट्रेनें ही चल रही हैं। इससे ट्रैक गंदा नहीं हो रहा है।

कहां कितने कोच में इंस्टॉलेशन

नार्थ सेंट्रल रेलवे - 210 कोचेज में 574 बायोटॉयलेट

नार्दन रेलवे - नौ कोचेज में 27 बायोटॉयलेट

ईस्ट सेंट्रल रेलवे - 399 कोच में 1352 बायोटॉयलेट

साउथ ईस्ट रेलवे - एक कोच में चार बायोटॉयलेट

साउदर्न रेलवे - एक कोच में चार बायोटॉयलेट

साउथ सेंट्रल रेलवे - दो कोच में आठ बायोटॉयलेट

सेंट्रल रेलवे - दो कोच में आठ बायोटॉयलेट

ईस्टर्न रेलवे - तीन कोच में 12 बायोटॉयलेट

स्वच्छ भारत मिशन के तहत रेलवे ने सभी कोचेज में बायोटॉयलेट लगाने का फैसला लिया है। 90 फीसद से अधिक कोचेज में बायोटॉयलेट लग गए हैं।

- पंकज कुमार सिंह, सीपीआरओ, एनई रेलवे

Posted By: Inextlive