बीरभूम हिंसा में कुछ दिन पहले एक घर में जलकर लोगों की मृत्यु हो गई थी। घटना के एक चश्मदीद गवाह ने कहा दमकल कर्मियों ने जले हुए घरों में तेज गर्मी के कारण जले हुए शवों को निकालने के लिए 10 घंटे तक इंतजार किया।


नई दिल्ली (एएनआई)। पश्चिम बंगाल में बीरभूम हिंसा का एक चश्मदीद सामने आया, जिसने बताया कि जलते हुए घरों में जाना संभव नहीं था लेकिन घायलों और प्रभावितों को ढूंढने में दमकल कर्मियों ने काफी देर इंतेजार किया। यह ऑपरेशन अगली सुबह सात बजे तक चलता रहा। शुक्रवार को कलकत्ता हाई कोर्ट आदेश के बाद सीबीआई ने इस मामले की जांच का जिम्मा लिया। घटना का पहला रिस्पॉन्डर बीरभूम के रामपुरहाट थाने में सब-इंस्पेक्टर है।ऑपरेशन के दौरान चार लोग जले हुए पाए गए


एफआईआर कॉपी के मुताबिक 21 मार्च की रात करीब 9.35 बजे दमकल कर्मियों को रामपुरहाट थाना (ड्यूटी ऑफिसर) के सब-इंस्पेक्टर रमेश साहा ने सूचना दी कि बोगटुई गांव के कुछ घरों में आग लग गई है और वे जल रहे हैं। एफआईआर कॉपी में लिखा है मैं अपने साथ के अधिकारियों के साथ लगभग 10.05 बजे बोगटुई गांव पहुंचा, जो एनएच-60 पर बोगटुई मोड़ से लगभग एक किमी की दूरी पर है। जब पहुंचा तो देखा आठ घर और कुछ भूसे के ढेर ने आग पकड़ ली है। मैंने तुरंत ड्यूटी अधिकारी एसआई रमेश साहा को फोन किया और उन्हें तुरंत दमकल कर्मियों को आग बुझाने के लिए बुलाया। उसके बाद मैंने अपने बेटे के साथ स्थानीय लोगों की मदद से आग पर काबू पाने की पूरी कोशिश की। उन्होंने बाल्टियों से पानी डाला लेकिन आग बहुत भयंकर थी। रात करीब 10.25 बजे, रामपुरहाट दमकल और आपातकालीन सेवाओं के दमकल कर्मी दो दमकल गाड़ियों के साथ आए और आग बुझाने का काम शुरू किया। फायर फाइटिंग ऑपरेशन के समय चार लोग जले हुए पाए गए। उन्हें तुरंत स्थानीय लोगों और उनके परिजनों की मदद से रामपुरहाट मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में भर्ती कराया गया। लगभग दो बजे आग पर काबू पाया गया। आग के थोड़ा धीमा हो जाने पर दमकल कर्मी वापस चले गए।टीएमसी के नेता की हत्या के बाद हुई घटना

एफआईआर के मुताबिक गर्मी के कारण उस समय उन जले हुए घरों में जाना संभव नहीं था। 22 मार्च को सुबह लगभग 07.10 बजे दमकल कर्मी घायलों को ढूंढने आए। ज्यादातर घर पूरी तरह से जलकर चुके थे और उनमें तोड़फोड़ भी की गई थी, जहां घरों से सात जले हुए शव बरामद किए गए। घर से बचाए गए एक घायल व्यक्ति ने अस्पताल में इलाज के समय मौत हो गई। सभी शव को पहचान पाना मुश्किल था। शवों को पोस्टमार्टम के लिए तुरंत रामपुरहाट कॉलेज एवं अस्पताल ले जाया गया। पश्चिम बंगाल के बीरभूम के रामपुरहाट इलाके में मंगलवार को टीएमसी के नेता भादू शेख की हत्या के बाद यह घटना हुई।

Posted By: Kanpur Desk