सवणरें को मनाने के लिए बीजेपी ले सकती है बड़ा फैसला

- एक्साइज ड्यूटी और प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव में अनदेखी से नाराज हैं सवर्ण

- प्रदेश में सवर्ण कैंडिडेट की हो रही है तलाश

Meerut: भले ही देश के होम मिनिस्टर और प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री राजनाथ सिंह ने सीएम कैंडिडेट बनने से इनकार कर दिया हो, डॉ। महेश शर्मा भी अपने मुंह से कुछ न कह रहे हों, लेकिन प्रदेश में ऐसे एक सवर्ण चेहरे की तलाश शुरू हो गई है, जिसकी प्रदेश में साख होने के साथ थोड़ी लोकप्रियता भी हो। जानकारों की मानें तो ये प्रयास सिर्फ प्रदेश के उन सवर्ण लोगों को नाराजगी कम करने की कोशिश है जो प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव के समय आ गई थी। अब सवाल ये है कि देश के सबसे अधिक विधायकों वाले प्रदेश के सीएम के ताज की लड़ाई के लिए किसे चुनती है।

शुरू हुई तलाश

प्रदेश बीजेपी के जानकारों की मानें तो सीएम की तलाश शुरू हो गई है, लेकिन इन बातों को गुप्त रखा जा रहा है। बीजेपी सूत्रों की मानें तो इस बार सीएम कैंडिडेट के लिए एक ऐसे चेहरे की तलाश की जा रही है, जिसकी लोकप्रियता होने के साथ उसकी छवि भी साफ सुथरी हो, जिससे कार्यकर्ता पूरी तरह से कनेक्ट हो सके। पब्लिक के सामने जब आए तो वोट डालने के लिए लोगों की लाइन लग जाए। जिसे हर वर्ग और जाति के लोग अपनाएं। इसी को देखते हुए चेहरे की तलाश शुरू हो गई है।

सवर्ण होगा चेहरा

पार्र्टी हाईकमान की ओर से विशेष हिदायत दी जा चुकी है कि चेहरा सवर्ण होना जरूरी है। फिर वो किसी भी वर्ग का हो सकता है। इसका कारण ये है कि बीते दिनों प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव में सवर्ण की अनदेखी के चलते नाराज हुए लोगों को मनाया जा सके। प्रदेश के एक बडे पार्टी नेता ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि प्रदेश और केंद्र स्तर पर काफी दबाव बना हुआ है।

नहीं कर सकते नाराज

पार्टी हाईकमान और प्रदेश के पुराने नेताओं का कहना कि अन्य वोटों के लिए परंपरागत वोट बैंक को हाशिए पर नहीं रखा जा सकता है। ऐसे में उन्हें मनाना काफी जरूरी हो गया है। पहले एक्साइज ड्यूटी और अब प्रदेश अध्यक्ष को ओबीसी बनाकर वैसे ही पार्टी सवर्णो का विरोध झेल चुकी है।

कौन हो सकता है वो चेहरा?

वैसे राजनाथ सिंह यूपी के सीएम पद दावेदार के तौर पर अपने आप को मना कर चुके हैं, लेकिन पार्टी हाईकमान का दबाव रहा तो वो मना भी नहीं कर सकेंगे। वैसे प्रदेश टीम में पार्र्टी के पास ऐसा कोई चेहरा भी नहीं है जिस पर यूपी में सीएम पद पर दाव लगाया जा सके। क्योंकि वो यहां की राजनीति को अच्छे से समझने के साथ यहां के मुद्दों से भली-भांति परिचित भी हैं। अगर वो नहीं मानते हैं तो दूसरा नाम है गौतमबुद्घनगर के सांसद डॉ महेश शर्मा का है। पिछले कुछ दिनों में उन्होंने लोगों के दिलों में एक गहरी छाप छोड़ी है। इसके अलावा उन्हें पीएम का करीबी भी माना जाता रहा है।

सीएम पद के प्रत्याशी पर मंथन चल रहा है। ये काम पार्टी हाईकमान का होता है। नाम फाइनल होने से पहले मैं कुछ नहीं कह सकता।

स्वतंत्र देव सिंह, प्रदेश महामंत्री बीजेपी यूपी

Posted By: Inextlive