- दावों के अनुसार गंगाजल पहुंचा नजदीक, हकीकत में है कोसों दूर

आगरा। शहर से गंगाजल अभी कोसों दूर है। साल दर साल गंगाजल आने की तिथि घोषित कर दी जाती है। लेकिन हकीकत में गंगाजल अभी कोसों दूर है। बावजूद इसके भाजपा जनप्रतिनिधियों में श्रेय लेने की होड़ मची है।

पेयजल है प्रमुख समस्या

आगरा की प्रमुख समस्या पेयजल है, जिसका समाधान आज तक नहीं हो सका है। वाटरव‌र्क्स के पास बैराज बनाए जाने की मांग से लेकर रबर चैक डैम के सपने दिखाए गए। हालांकि अभी चैकडैम के विषय पर काम जारी है। इसी बीच गंगाजल प्रोजेक्ट सपा शासन से चला है, जिसे भाजपा अपने कार्यकाल में पूरा करना चाहती है। इसके लिए लगातार दावे किए जा रहे हैं। कभी कोई तिथि घोषित की जाती है, तो कभी कोई की जाती है। कभी कहा जाता है कि मथुरा में दिक्कत थी, उसका समाधान हो गया है। कोर्ट से पेड़ कटवाने की मंजूरी मिल गई है। इसका दावा अभी तक विधायक योगेंद्र उपाध्याय ही करते आए हैं। हर बार विधायक उपाध्याय ने गंगाजल प्रोजेक्ट की अपडेट दी है। उन्होंने गंगाजल प्रोजेक्ट के संबंध में आगरा आए मुख्यमंत्री को भी अवगत कराया था।

जनप्रतिनिधि पीछे नहीं है

इस दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने समीक्षा बैठक में भी गंगाजल प्रोजेक्ट के संबंध में जानकारी हासिल की थी। जल्द से जल्द प्रोजेक्ट को पूरा किए जाने के निर्देश भी दिए थे। इसके लिए उन्होंने यह भी कहा था कि बजट की कमी नहीं आने दी जाएगी। लेकिन कई कारणों से गंगाजल प्रोजेक्ट में तेजी नहीं आ सकी है। विधायक उपाध्याय ने प्रेसवार्ता करते हुए बताया कि वे पेड़ काटने के लिए कोर्ट से अनुमति के लिए प्रयासरत हैं। गंगाजल प्रोजेक्ट के लिए भागीरथी का रोल अदा कर रहे विधायक उपाध्याय को उन्हीं की पार्टी के मेयर ने झटका दिया है। अब वे गंगाजल प्रोजेक्ट पूरा होने का दावा करने लगे है। शहरवासियों को आश्वासन दे रहे हैं कि जल्द ही गंगाजल मिलेगा। गंगाजल का श्रेय लेने के लिए जनप्रतिनिधि पीछे नहीं हैं।

Posted By: Inextlive