- भाजपा महिला मोर्चा की कार्यकर्ताओं ने किया प्रदर्शन, पुलिस से भिड़ंत

-स्वाती सिंह मामले में बीएसपी नेताओ की अरेस्टिंग की कर रही थीं मांग

LUCKNOW: स्वाती सिंह, उनकी बेटी व मां पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने वाले बीएसपी नेताओं की तुरंत गिरफ्तारी की मांग को लेकर परिवर्तन चौक से राजभवन तक पैदल मार्च निकाल रही भाजपा महिला मोर्चा कार्यकर्ताओं पर पुलिस ने जमकर लाठियां भांजी। जिसमें आधा दर्जन महिला कार्यकर्ता घायल हो गई। घायलों में एक की हालत नाजुक होने पर उसे ट्रॉमा सेंटर रेफर कर दिया गया। बाद में कार्यकर्ताओं के प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल से मुलाकात की और उन्हें ज्ञापन सौंपा।

डीएम आवास के सामने झड़प

बीजेपी से निष्कासित दयाशंकर सिंह की पत्‍‌नी स्वाति सिंह व मां तेतरा देवी द्वारा बीएसपी नेताओं के खिलाफ दर्ज एफआईआर के बावजूद आरोपी बीएसपी नेताओं की अरेस्टिंग न होने से नाराज भाजपा महिला मोर्चा की कार्यकर्ताओं ने गुरुवार को परिवर्तन चौक से राजभवन तक मार्च निकालने व प्रदर्शन की घोषणा की थी। जिसके लिये पुलिस ने व्यापक इंतजाम किये थे। पूर्वान्ह करीब 11 बजे प्रदेश भर से इकट्ठा महिला कार्यकर्ता राजभवन की ओर चल पड़ीं। लेकिन, डीएम आवास के सामने बैरिकेडिंग कर खड़ी पुलिस ने उन्हें आगे बढ़ने से रोक दिया। इसे लेकर महिला कार्यकर्ताओं व पुलिस से झड़प शुरू हो गई। महिला कार्यकर्ताओं ने बैरिकेडिंग तोड़कर आगे बढ़ने की कोशिश की लेकिन, पुलिसकर्मियों ने हल्का लाठीचार्ज कर उन्हें खदेड़ने की कोशिश की।

सिविल में कराया भर्ती

लाठीचार्ज से महिला कार्यकर्ता भड़क उठीं और पुलिसकर्मियों से जा भिड़ीं। जिसके बाद पुलिस ने महिला कार्यकर्ताओं पर लाठियां भांजनी शुरू कर दीं। जिसमें सीमा स्वर्णकार, प्रीति, मीनू समेत आधा दर्जन महिलाएं घायल हो गई। जुलूस में मौजूद पुरुष भाजपा नेताओं ने घायल महिलाओं को आनन-फानन इलाज के लिये सिविल हॉस्पिटल में एडमिट कराया। जहां सीमा स्वर्णकार के सिर में भीतरी गंभीर चोट होने की वजह से उन्हें ट्रॉमा सेंटर रेफर कर दिया गया। उधर, काफी देर तक चले हंगामे के बाद पुलिस ने महिला मोर्चा कार्यकर्ताओं के एक प्रतिनिधिमंडल को राजभवन जाने की इजाजत दे दी। इस प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल से मुलाकात कर आरोपी बीएसपी नेताओं की तुरंत अरेस्टिंग और दर्ज एफआईआर में पॉक्सो एक्ट की धारा बढ़ाने की मांग की।

स्वाती सिंह से मिलने पहुंचे केशव मौर्या

प्रदर्शन के बाद प्रदेश अध्यक्ष केशव मौर्या केके हॉस्पिटल में एडमिट स्वाती सिंह से मुलाकात करने पहुंचे और उनका हालचाल लिया। मुलाकात के दौरान उन्होंने स्वाती को भरोसा दिलाया कि उनके व उनकी बेटी के सम्मान की लड़ाई में बीजेपी उनके साथ है और उन्हें इंसाफ दिलाने के लिये पार्टी कार्यकर्ता संघर्ष करते रहेंगे।

ट्रॉमा सेंटर जाकर घायलों से मिले मौर्य

भाजपा महिला मोर्चा के प्रदर्शन में पुलिस द्वारा किए गये लाठीचार्ज में घायल महिला कार्यकर्ताओं में सीमा ‌र्स्वणकार (लखनऊ), प्रीति सिंह (गोरखपुर) व मीनू (आगरा) को देखने पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य केजीएमयू के ट्रॉमा सेंटर पहुंचे और उनका हाल जाना। पार्टी प्रदेश प्रवक्ता डॉ। चंद्रमोहन ने बताया कि प्रदर्शन में शामिल महिला कार्यकर्ताओं पर पुलिस ने जानबूझकर इस तरह से प्रहार किया ताकि वे गंभीर रूप से घायल हो जाएं। महिलाओं पर जिस तरह से पुलिस ने बर्बरता बरती है, उसके लिये जनता अखिलेश सरकार और समाजवादी पार्टी को कभी माफ नहीं करेगी। ट्रॉमा सेंटर में केशव मौर्य के साथ पार्टी प्रदेश महामंत्री अनुपमा जायसवाल, विजय बहादुर पाठक, डॉ। चंद्रमोहन, मनीष दीक्षित, बृज बहादुर, दिनेश तिवारी सहित कई अन्य पदाधिकारी भी घायल महिला कार्यकर्ताओं को देखने गये थे।

बुआ के लिए भतीजे ने किया पुलिस का दुरुपयोग : केशव मौर्य

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य ने पार्टी की महिला मोर्चा की कार्यकर्ताओं पर हुए लाठीचार्ज की निंदा करते हुए इसे सपा-बसपा की मिलीभगत करार दिया। उन्होंने कहा कि 'बेटी के सम्मान में, भाजपा मैदान में' के नारे के साथ शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर रहीं भाजपा महिला मोर्चा कार्यकर्ताओं पर पुरुष पुलिसकर्मियों द्वारा चोटे पहुंचाकर बलपूर्वक रोकना साबित करता है कि बुआ को सौगात देने के लिए भतीजे ने सत्ता का दुरूपयोग कर पुलिस का बेजा इस्तेमाल किया।

गिरफ्तार हो नसीमुद्दीन

मौर्य ने नसीमुद्दीन सिद्दीकी समेत आरोपी बसपा नेताओं की गिरफ्तारी की मांग करते हुए कहा कि जिस तरह से बसपा के प्रदर्शन में भाजपा के पूर्व नेता दयाशंकर सिंह की मां, बहन, बेटी व पत्‍‌नी के विरूद्ध अमर्यादित तरीके से अपशब्द बोले गये, अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया गया, उसे भाजपा किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं करेगी। बसपा नेताओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज होने के बावजूद पुलिस कोई कार्यवाही नहीं कर रही है। इसके विरोध में भाजपा महिला मोर्चा की कार्यकर्ता मार्च निकालते हुए राजभवन जा रही थी। डीएम आवास के पहले ही रास्ते में जिस तरह से पुरूष पुलिसकर्मियों ने महिलाओं के साथ बदसलूकी की, उन्हें चोट पहुंचाई, उसने ब्रिटिश हुकुमत की यादों को ताजा कर दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि शासन सत्ता के इशारे पर पुलिस प्रशासन ने प्रदेश भर से आयी महिला कार्यकर्ताओं की बसों को सीतापुर रोड, हरदोई रोड, कानपुर रोड, बाराबंकी व रायबरेली रोड सहित कई अन्य जगहों पर बलपूवर्क रोक कर प्रदर्शन को असफल करने का प्रयास किया। इसके बावजूद प्रदर्शन में बड़ी संख्या में महिलाओं ने शिरकत कर अखिलेश सरकार को चुनौती देने का काम किया है।

Posted By: Inextlive