उत्तर प्रदेश के हरदोई के संडीला से भाजपा विधायक राजकुमार अग्रवाल कोविड पॉजिटिव बेटे की मौत के बाद से पिछले एक महीने से एक अस्पताल के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाने के लिए भटक रहे हैं। मुख्यमंत्री जिला मजिस्ट्रेट तक गुहार लगाने के बाद भी वह बेबस हैं। पुलिस ने अब तक इस मामले में एफआईआर नहीं दर्ज की है।


रदोई (एएनआई)। उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले में संडीला से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक राजकुमार अग्रवाल अपनी ही सरकार में बेबस है। वह अपने कोविड पाॅजिटिव बेटे की माैत के बाद से एक निजी अस्पताल के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने के लिए एक महीने से भटक रहे हैं। इस बात का खुलासा खुद विधायक राजकुमार अग्रवाल ने किया है। उन्होंने न्यूज एजेंसी एएनआई को बताया कि उनके बेटे आशीष अग्रवाल (35) की 26 अप्रैल को काकोरी के एक निजी अस्पताल में मौत हो गई, जहां उसे काेविड ​​​​-19 पाॅजिटिव आने के बाद भर्ती कराया गया था। 26 अप्रैल की सुबह बेटे का ऑक्सीजन लेवल 94 था। वह खा रहा था और हमारे साथ नियमित बातचीत भी कर रहा था।अस्पताल प्रशासन और डॉक्टरों की लापरवाही से बेटे की मौत हुई
शाम को अचानक डॉक्टरों ने उन्हें बताया कि उसका ऑक्सीजन लेवल कम हो रहा है। हमने बाहर से ऑक्सीजन सिलेंडर की व्यवस्था की, लेकिन डॉक्टरों ने इस ऑक्सीजन को मरीज तक नहीं पहुंचने दिया और उसकी मौत हो गई। उन्होंने आरोप लगाया कि अस्पताल प्रशासन और डॉक्टरों की लापरवाही के कारण उनके बेटे की मौत हुई और कहा कि वह अपने बेटे को न्याय दिलाने के लिए प्राथमिकी दर्ज करने की कोशिश कर रहे हैं। उस दिन उस अस्पताल में सात लोगों की मौत हो गई। बेटे की माैत के लिए जिम्मेदार डॉक्टरों को सजा मिलनी चाहिएमैंने इसकी शिकायत मुख्यमंत्री, जिला मजिस्ट्रेट, पुलिस आयुक्त और पुलिस महानिदेशक से की थी और फिर भी मेरी शिकायत दर्ज नहीं की गई थी। मेरी मांग है कि पुलिस अस्पताल के सीसीटीवी फुटेज चेक करे और देखे कि मेरे बेटे की मौत का जिम्मेदार कौन है। जिम्मेदार डॉक्टरों को सजा मिलनी चाहिए। यूपी में कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर से सबसे बुरी तरह प्रभावित राज्यों में से एक है। उत्तर प्रदेश में कोविड ​​​​-19 की मौत का आंकड़ा शुक्रवार तक 20,000 को पार कर गया।

Posted By: Shweta Mishra