रायबरेली के गुरुबख्शगंज में रविवार को हुए संदिग्ध सड़क हादसे का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। घायल दुष्कर्म पीड़िता से मिलने के लिए नेताओं का तांता लगा हुआ है। आइए जानें इस हादसे में पुलिस से कहां-कहां चूक हुई।


lucknow@inext.co.inLUCKNOW : रायबरेली के गुरुबख्शगंज में रविवार को हुए संदिग्ध सड़क हादसे का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। रायबरेली जेल में बंद पीड़िता के चाचा ने विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के खिलाफ हत्या, जानलेवा हमला, आपराधिक साजिश की धाराओं में एफआईआर दर्ज कराई है। एफआईआर में 10 अन्य को नामजद व 20 अज्ञात को भी आरोपी बनाया गया है। पूरे मामले को लेकर मचे हंगामे के बीच सरकार ने हादसे की जांच सीबीआई से कराने पर अपनी रजामंदी जताई है। वहीं, हादसे में गंभीर रूप से घायल पीड़िता से मिलने के लिये सोमवार को ट्रॉमा सेंटर में नेताओं व अधिकारियों का तांता लगा रहा।पहले से मिल रही थी धमकी


पुलिस को दी तहरीर में पीड़िता के चाचा ने बताया कि जेल में उससे मुलाकात करने उसकी पत्नी, गैंगरेप पीड़िता भतीजी व अन्य परिजन आते तो बताते थे कि विधायक कुलदीप सिंह सेंगर, मनोज सिंह सेंगर व उनके साथी लगातार धमकी देते हैं कि अगर उन्हें जिंदा रहना है तो कोर्ट में बयान बदल लो। इस बारे में उनके परिजनों ने उन्नाव के थाना माखी में शिकायत भी की लेकिन, कोई सुनवाई नहीं हुई। उलटा पुलिस भी उन पर समझौते के लिये दबाव बनाती थी। पीड़िता के चाचा ने तहरीर में बताया कि पिछली मुलाकात के दौरान उन्होंने शिकायत व धमकी देने से संबंधित कागजात लाने को कहा था।पुलिसकर्मियों ने कर दी मुखबिरीतहरीर में पीड़िता के चाचा ने बताया कि रविवार को उनकी पत्नी, भतीजी व साली को वकील के संग उनसे मुलाकात करने के लिये आना था। लेकिन, उन लोगों के रायबरेली जाने की सूचना सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मियों ने विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को दे दी। जिसके बाद विधायक सेंगर ने अपने आदमियों की मदद से ट्रक के जरिए उन लोगों की कार में टक्कर मरवा दी। इस हादसे में उनकी पत्नी व साली की मौत हो गई जबकि, भतीजी व उनका वकील महेंद्र सिंह गंभीर रूप से घायल हो गए। तहरीर में पीड़िता के चाचा ने विधायक के अलावा उनके भाई मनोज सिंह सेंगर, विनोद मिश्रा, हरिपाल सिंह, नवीन सिंह, कोमल सिंह, अरुण सिंह, ज्ञानेंद्र सिंह, रिंकू सिंह, एडवोकेट अवधेश सिंह के अलावा 15-20 अज्ञात लोगों को आरोपी बनाया है। पुलिस ने उनकी तहरीर पर हत्या, जानलेवा हमला और आराधिक साजिश के तहत एफआईआर दर्ज कर ली।सरकार सीबीआई जांच को तैयार

रायबरेली के गुरुबख्शगंज में हुए संदिग्ध हादसे के मामले में सरकार ने सीबीआई जांच को लेकर रजामंदी दे दी है। एडीजी लखनऊ जोन राजीव कृष्णा ने सोमवार को लोकभवन में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि मामले की एफआईआर दर्ज कर ली गई है और अगर पीड़िता का परिवार चाहेगा तो सरकार इस मामले की सीबीआई जांच करवाने के लिये तैयार है। पीड़िता को सुरक्षा के लिये पुलिसकर्मियों व उसके परिवार के साथ रायबरेली न जाने को लेकर उठ रहे सवालों का जवाब देते हुए एडीजी ने कहा कि पीड़िता ने कार में जगह न होने का हवाला देते हुए खुद ही सुरक्षाकर्मियों को साथ जाने से मना किया था। वहीं, ट्रक की नंबर प्लेट पर लगी ग्रीस के बारे में एडीजी ने बताया कि ट्रक मालिक बांदा निवासी देवेंद्र पाल ने बयान दिया है कि किश्तें समय पर अदा न कर पाने की वजह से फाइनेंसर उसे परेशान कर रहे थे। उन्हीं के डर से नंबर प्लेट पर ग्रीस लगाकर ट्रक चला रहा था। एडीजी ने बताया कि ट्रक ड्राइवर, क्लीनर और ट्रक मालिक के मोबाइल की कॉल डिटेल निकलवा कर जांच की जा रही है। उन्होंने बताया कि लखनऊ से एफएसएल की टीम के एक्सपर्ट डाॅ. नरेंद्र कुमार, डाॅ. रविकांत शर्मा और डाॅ. प्रतिभा ने बीती देरशाम घटनास्थल का जायजा लिया है।ट्रॉमा सेंटर में लगा तांता

हादसे के पीछे साजिश की आशंका के चलते विधायक व उसके साथियों पर गैंगरेप का आरोप लगाने वाली हादसे में गंभीर रूप से घायल पीड़िता से मिलने के लिये सोमवार को ट्रॉमा सेंटर में तांता लगा रहा। सबसे पहले दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल पीड़िता को देखने पहुंची। जहां उन्होंने पीड़िता के परिजनों से बातचीत की। उन्होंने पीड़िता का इलाज कर रहे डॉक्टर्स से भी बातचीत की। स्वाति ने बताया कि डॉक्टर्स पीड़िता की हालत बेहद नाजुक बता रहे हैं, इसलिए उन्होंने पीड़िता का बेहतर इलाज कराने के लिये दिल्ली के प्राइवेट हॉस्पिटल में बात की है। उन्होंने पीड़िता को एयरलिफ्ट कराने के लिये सीएम को पत्र लिखने की भी बात कही। उनके अलावा डीजीपी ओपी सिंह भी ट्रॉमा सेंटर पहुंचे और पीड़िता का हाल जाना। समाजवादी पार्टी की ओर से पूर्व प्रवक्ता जूही सिंह के नेतृत्व में तीन सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने ट्रॉमा सेंटर में पीड़िता का हाल जाना। उनके बाद कांग्रेस की विधायक आराधना मिश्रा के नेतृत्व में पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने भी ट्रॉमा सेंटर पहुंचकर पीड़िता की सेहत का जायजा लिया। इस मौके पर विधायक आराधना मिश्रा ने कहा कि विधायक कुलदीप सेंगर पर आरोप लगने और उनकी अरेस्टिंग के बाद भी बीजेपी ने उन्हें पार्टी से नहीं निकाला। यह बड़े सवाल खड़े करता है। उन्होंने पूरे मामले की जांच सीबीआई से कराने की भी मांग की। वहीं, देरशाम सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर मंत्री स्वाति सिंह, सीएम के सूचना सलाहकार मृत्युंजय सिंह और प्रमुख सचिव सूचना अवनीश अवस्थी ने भी ट्रॉमा सेंटर पहुंचकर पीड़िता का हाल जाना। उन्होंने डॉक्टर्स से उसकी सेहत के बारे में जानकारी ली और परिजनों को भरोसा दिलाया कि सरकार उनके साथ है और उन्हें हर तरह की मदद की जाएगी।पुलिस से चूक दर चूक- सुरक्षा मिली होने के बावजूद पीड़िता व गवाह के साथ क्यों नहीं गए पुलिसकर्मी?- हाईप्रोफाइल केस होने के बावजूद गवाह और पीड़िता की सुरक्षा के लिये उन्नाव पुलिस ने सतर्कता क्यों नहीं बरती?- पीड़िता के चाचा के मुताबिक उसके परिवार को लगातार धमकी मिल रही थी, शिकायत के बावजूद उन्नाव पुलिस ने कार्रवाई क्यों नही की?- आरोप है कि जेल से विधायक कुलदीप सेंगर फोन पर धमकी देते थे, इसकी शिकायत भी की गई लेकिन, कोई कार्रवाई क्यों नही की गई?

Posted By: Abhishek Kumar Tiwari