तीन तलाक मामले में देशभर में हलचल के बीच भाजपा सांसद ने दिया दो टूक बयान

बोले स्वामी यूपी में विकास से बड़ा है कानून व्यवस्था का मुद्दा

ALLAHABAD: तीन तलाक मामले में केंद्र सरकार की ओर से यूनिफार्म सिविल कोड की वकालत से पूरे देश में हलचल मची है। मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के इस मामले में सरकार के सीधे विरोध से मुद्दा और संवेदनशील हो गया है। इस सब के बीच रविवार को इलाहाबाद पहुंचे भाजपा के राज्यसभा सांसद डॉ। सुब्रमण्यम स्वामी ने दो टूक कहा कि जब मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड आईपीसी को मानता है तो फिर सिविल कोड को क्यों नहीं मान रहा है। स्वामी होटल ग्रांड कांटीनेंटल में रविवार को इंडिया पालिटिकल सेंटर की ओर से आयोजित इलाहाबाद कॉनक्लेव में बोल रहे थे। इस दौरान उन्होंने यूपी में होने वाले विधानसभा चुनाव में कानून व्यवस्था को विकास से बड़ा मुद्दा बताया। उन्होंने यह भी कहा कि कोई सरकार केवल विकास के दम पर दोबारा सत्ता में नहीं आ सकती। अगर ऐसा होता तो सर्वाधिक विकास करने वाली नरसिंहाराव की सरकार चुनाव न हारती। यही हाल राजीव गांधी की सरकार का भी हुआ था, जिन्होंने औद्योगिक विकास की गति को शीर्ष पर पहुंचाया था। अटल की भाजपा सरकार का हश्र भी इससे जुदा नहीं था।

सबसे बेहतर है भाजपा

उन्होंने कहा कि कानून व्यवस्था के मामले में सबसे पीछे सपा के मुलायम उनका बेटा और भाई हैं। कांग्रेस थोड़ा ऊपर और बसपा का मुद्दा बेहतर है। उन्होंने भाजपा को सबसे बेहतर बताया। चुनाव में दूसरा अहम मुद्दा अयोध्या में राममंदिर निर्माण का है। इससे देश के हिंदू जनमानस की आस्था जुड़ी है। अपने वक्तव्य में सुब्रमण्यम स्वामी ने विकास के मुद्दे को तीसरे स्थान पर बताया। अगर भाजपा सत्ता में आई तो ब्याज दरों को कम करके स्वरोजगार को बढ़ाया जाएगा और कृषि का आधुनिकीकरण कर उसे फायदे का सौदा बनाया जाएगा।

कई मुद्दों पर हुआ मंथन

कार्यक्रम में प्रदेश के मुद्दों, उम्मीदों और अनुमानों पर गहन मंथन किया गया। जिसमें राज्यसभा सांसद डॉ। सुब्रमण्यम स्वामी, दिल्ली विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो। दिनेश सिंह, वरिष्ठ पत्रकार विनोद दुआ और सांसद निशिकांत दूबे ने अपने वक्तव्य से प्रबुद्ध श्रोताओं की जिज्ञासाओं को शांत किया। डॉ। विनोद दुआ ने कहा कि राजनीतिक दलों की जगह निष्पक्ष एजेंसी के सर्वे पर विश्वास किया जा सकता है। वह भी विभिन्न दलों को मिलने वाले मत प्रतिशत का आंकलन कर सकते हैं, मिलने वाली सीटों का नहीं। उन्होंने 1947 में बंटवारे के दौर का उदाहरण दिया। कहा कि किस तरह से डॉ। महालोनोबिस ने लाल किले में बंद लोगों की संख्या का आंकलन सप्लाई किए जा रहे नमक की मात्रा के आधार पर कर लिया था। उन्होंने कहा कि सैंपलिंग इसी तरह की वैज्ञानिक तथ्यों वाली हो तो नतीजे बिल्कुल ठीक आते हैं। सांसद निशिकांत दुबे ने काले धन और पूर्व कुलपति प्रो। दिनेश सिंह ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के कथन 'सरकार बदलने पर राष्ट्र के हित नहीं बदल जाते' का हवाला देते हुए राजनीति और विश्वविद्यालयों दोनों को संतुलन बनाने पर जोर दिया।

राममंदिर के पक्ष में आएगा फैसला

स्वामी ने कहा कि देश की अस्मिता से जुड़ा राममंदिर का मुद्दा भाजपा के चुनावी घोषणा पत्र में शामिल है। वे एक नवंबर को सुप्रीम कोर्ट में आवेदन करके दिन प्रतिदिन इस केस की सुनवाई की प्रक्रिया शुरू कराएंगे। जिससे वर्ष के अंत तक इस मामले में फैसला आ जाए। उन्होंने कहा कि पूरी उम्मीद है कि हाईकोर्ट की तरह सुप्रीमकोर्ट का फैसला भी राममंदिर के पक्ष में आएगा। सभी पक्षकारों को फैसले का इंतजार है। कहा कि देश में 42 हजार मंदिर टूटे हैं और जिसमें से अयोध्या, काशी और मथुरा का ही मंदिर मांगा जा रहा है। उन्होंने कहा कि राममंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा हो चुकी है, इसलिए वहां मंदिर के सिवा कुछ और नही बन सकता।

राव की तारीफ में पढ़े कसीदे

अपने बयानों से भाजपा के लिए सिरदर्द पैदा करने वाले डॉ। सुब्रमण्यम स्वामी ने रविवार को पालिटिकल सेंटर के कार्यक्रम में एक बार फिर पूर्व प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव की तारीफ में जमकर कसीदे पढ़ते हुए उन्हें भारत रत्‍‌न दिए जाने की वकालत की। उन्होंने दस सालों तक देश के पीएम रहे कांग्रेस नेता मनमोहन सिंह पर निशाना साधा। कहा कि कांग्रेस और देश ने नरसिम्हा राव के साथ इंसाफ नहीं किया। जिन कामों का श्रेय नरसिम्हा राव को मिलना चाहिए था वह उन्हें न देकर मनमोहन सिंह को दिया जाता था। उन्होंने कहा कि देश का सबसे तेज विकास कराने वाले प्रधानमंत्री नरसिंह राव को भारत रत्‍‌न से सम्मानित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस बाबत उन्होंने सरकार को लिखकर दिया है। उम्मीद है कि अगले गणतंत्र दिवस पर उन्हें यह सम्मान दिया जाएगा।

Posted By: Inextlive