भाजपा पार्टी विरोधी गतिविधियों को विफल करने के लिए अपने बंगाल के नेताओं की सोशल मीडिया गतिविधियों पर नजर रखे हुए है। पार्टी की नवगठित अनुशासनात्मक कार्रवाई समिति ने इसको लेकर एक आदेश भी जारी किया है।


नई दिल्ली (एएनआई)। राजनीतिक रूप से संवेदनशील पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद की हिंसा से प्रभावित भारतीय जनता पार्टी ने अपने नेताओं और कैडर की सोशल मीडिया गतिविधियों पर कड़ी नजर रखने का फैसला किया है। इसके पीछे की वजह यूनिट के भीतर पार्टी विरोधी तत्वों का पता लगाया जा सके और उन लोगों की पहचान की जा सके जो इसके साथ वैचारिक रूप से नहीं हैं। अपने कैडर द्वारा पार्टी विरोधी गतिविधियों पर लगाम लगाने और विपक्षी टीएमसी के प्रयासों को विफल करने के प्रयास में, पार्टी की नवगठित अनुशासनात्मक कार्रवाई समिति ने एक आदेश (आंतरिक रूप से) जारी किया है जो सोशल मीडिया पर पार्टी के सदस्यों की गतिविधि पर बैन लगा रही है। राज्य इकाई के आईटी सेल सोशल मीडिया पर रखेगी पैनी नजर


आदेश में यह भी कहा गया है कि पार्टी में उन सदस्यों या पद धारकों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू की जाएगी जो भाजपा विरोधी किसी भी पोस्ट को शेयर या लाइक करेंगे। राज्य इकाई के आईटी सेल को सोशल मीडिया पर निगरानी और अनुशासन सुनिश्चित करने का प्रभार दिया गया है। यह आदेश लोकसभा सांसद सुभाष सरकार के नेतृत्व में इसी महीने गठित अनुशासनात्मक कार्रवाई समिति ने जारी किया है।

कुछ लोग भाजपा में शामिल हो गए हैं, लेकिन विपक्ष के प्रति नरमसरकार ने एएनआई से बात करते हुए पुष्टि की कि ऐसा आदेश उन लोगों की पहचान करने के लिए जारी किया गया है जो हमारे साथ वैचारिक रूप से नहीं हैं। सरकार ने कहा, ऐसे लोग हैं जो भाजपा में शामिल हो गए हैं, लेकिन अभी भी विपक्ष के प्रति नरम हैं। इस पर लगाम लगाने की जरूरत है। ऐसे लोग अगर समय पर अनुशासित नहीं होते हैं, तो पार्टी के अन्य कार्यकर्ताओं के मनोबल को भी प्रभावित कर सकते हैं। भाजपा उन सदस्यों को अलर्ट करेगी जो पार्टी विरोधी पोस्ट लाइक करते इतना ही नहीं उन्होंने कहा हम उन सदस्यों को अलर्ट करेंगे जो पार्टी विरोधी पोस्ट लाइक करते हैं या जो भाजपा के खिलाफ हैं उनके साथ दोस्त हैं और उनसे स्पष्टीकरण मांगेंगे। हमें उन्हें सही रास्ते पर लाने की जरूरत है। पार्टी में कई लोगों को उन लोगों पर संदेह है जिनका भाजपा से वैचारिक संबंध नहीं है और जो अभी भी टीएमसी की ओर झुक रहे हैं। बंगाल के एक अन्य सांसद ने तर्क दिया कई ऐसे हैं जो बीजेपी में शामिल हुए हैं और टीएमसी से थे। यहां तक ​​कि मुकुल रॉय ने भी बीजेपी छोड़ दी।

Posted By: Shweta Mishra