BAHARAGODA: थाना क्षेत्र के महुलडांगरी के समीप स्वर्णरेखा नदी के बीच वायु सेना का जेट विमान गिरने की घटना के बाद पायलट की जान बच गई थी। लेकिन उक्त विमान पूरी तरह से बालू के अंदर समा गया था। सिर्फ पायलट का सीट व एक पैराशूट पहचान के तौर पर पानी के बाहर रह गया था। मंगलवार को लगभग 12 उक्त हादसा हुआ था। घटना की सूचना मिलते ही वायु सेना कलाईकुंडा बेस से अधिकारी, जवान एंबुलेंस व अग्नि समन की गाड़ी व अन्य सामान के साथ नदी तट पर कैंप किया। वायु सेना की जवान व अधिकारी अस्थाई कैंप बनाया गया था।

सुरक्षा में तैनात थे जवान

नदी के बीच रात भर सीआरपीएफ व जैप के जवान ही सुरक्षा को लेकर तैनात थे। सुबह 7 बजे से मलवे को निकाले के लिए खुदाई आरंभ की गई। जबकि घटना स्थल डोभा के रूप में परिवर्तित हो गई थी। पहले पानी निकालने के लिए पंप सेट की व्यवस्था कर पानी निकाला गया। सुबह लगभग 10 बजे तक विमान के विभिन्न पुर्जो को टुकड़ा-टुकड़ा में निकाला गया। वायु सेना की कोर्ट आफ इंक्वायरी की टीम का विमान कैंप से थोड़ी दूरी मैदान में विमान को उतारा गया। जांच दल के अधिकारी लगभग पौने किमी पानी में चलकर घटना स्थल पर पहुंचे। अधिकारी द्वारा मुआयना के बाद पुन: खुदाई कराईगई। एक घंटे बाद कई उपकरण में ब्लैक बक्स भी था जिसे लेकर अधिकारी विमान से रवाना हो गए। साढ़े ग्यारह बजे तक खुदाई एवं मलवे को निकालने का पूरा किया गया। ग्रामीण एसपी मनोरंजन किस्पोटा, एसपी अभियान प्रणव आंनद झा, एसडीपीओ राजेन्द्र दुबे, इंस्पेक्टर बसंत हेसा, थाना प्रभारी संजय सिंह भी अंतिम समय तक डटे रहे। घटना के 25 घंटे बाद विमान जांच से लेकर मलवा उठाने का काम पूरा हुआ। मलवे को देखने से ही पता चलता है कि दुर्घटना के पूर्व काफी भयानक विस्फोट हुआ होगा। पूरा विमान का परखचे उड़ गया था। हादसे की वजह बताने के लिए वायु सेना का कोई भी अधिकारी तैयार नही हुआ।

Posted By: Inextlive