राजस्थान में शुक्रवार रात एक साथ 87 जजों के तबादले कर दिए गए। इनमें जोधपुर सेशन कोर्ट के जज रवींद्र कुमार जोशी भी हैं। उनकी जगह चंद्रशेखर शर्मा को सेशन जज बनाया गया है। इस तबादले के बाद से कहा जा रहा था क‍ि काले हिरण के शिकार मामले में जोधपुर सेंट्रल जेल भेजे गए बॉलीवुड अभिनेता सलमान खान की जमानत लटक सकती है लेकि‍न ऐसा नहीं है। जज रवींद्र जोशी ट्रांसफर होने के बाद भी आज सलमान खान की जमानत पर सुनवाई करेंगे।

 सुनवाई संभव नहीं हो सकेगी
जयपुर (ब्यूरो)। गौरतलब है कि जज रवींद्र कुमार जोशी ने जमानत पर शुक्रवार को फैसला शनिवार तक के लिए सुरक्षित कर लिया था। न्यायिक सूत्रों के मुताबिक, जज शर्मा के कार्यभार संभालने तक जमानत याचिका पर सुनवाई संभव नहीं हो होने की संभावना जताई गई थी। हालांकि अब ऐसा नही है। जज रवींद्र जोशी ट्रांसफर होने के बाद भी आज सलमान खान की जमानत पर सुनवाई करेंगे। वह कोर्ट पहुंच चुके हैं।

आसाराम से थो़डी बात भी की

बताया गया है कि रात में सोने से पहले सलमान ने उसी जेल में बंद दुष्कर्म के आरोपित 'कथावाचक' आसाराम से थो़डी बात भी की। उल्लेखनीय है कि सलमान को जोधपुर के निकट कांकणी गांव में एक अक्टूबर, 1998 की रात दो काले हिरण की गोली मारकर हत्या करने के अपराध में गुरुवार को पांच साल जेल और दस हजार जुर्माने की सजा सुनाई गई।
सलमान की ओर से ये थीं दलीलें
--जांच में कई सारी कमियां हैं।
--शिकार के किसी भी केस की जांच में यह साबित नहीं हुआ है कि सलमान ने हथियारों का इस्तेमाल किया।
--इस केस का चश्मदीद गवाह विश्वसनीय नहीं है।
--करीब बीस साल तक केस का सामना किया है। यह भी एक तरह की सजा ही है।
--मामले में जब साथी कलाकार बरी हो गए तो सिर्फ सलमान को सजा क्यों?
सरकारी वकील ने किया था विरोध
--हाई कोर्ट से अन्य मामलों में सलमान को बरी किए जाने से इस मामले की तुलना नहीं की जा सकती है।
--इस मामले में चश्मदीद गवाह मौजूद है, जबकि अन्य मामलों में ऐसा नहीं था।
-- सजा स्थगित करने से गलत संदेश जाएगा। जोधपुर ग्रामीण सीजेएम कोर्ट का फैसला 201 पेज का है, इसके अध्ययन के लिए समय चाहिए।
नंबर 24वां, पर सुनवाई पहले
जोधपुर सेशन कोर्ट में शुक्रवार को 25 मामले थे। इनमें सलमान की जमानत याचिका का नंबर 24वां था लेकिन कोर्ट ने सबसे पहले इसीकी सुनवाई की।

जानें 'कैदी नंबर 106' सलमान खान ने कैसे बिताई जेल में पहली रात

सलमान खान पर जोधपुर में चल रहा यह अकेला मामला नहीं, पहले इनमें आ चुका फैसला

Posted By: Shweta Mishra