- स्कूली बच्चों को तस्करी के लिए किया जा रहा इस्तेमाल

- अब तक 300 से ज्यादा तस्कर जा चुके हैं जेल

DEHRADUN: राजधानी देहरादून में लगातार नशा तस्करी के एक के बाद एक मामले समाने आ रहे हैं। लेकिन हाल के दिनों में तस्करी में पकड़े गए आरोपियों ने बड़ा खुलासा किया है। पुलिस के अनुसार तस्कर इस कारोबार में क्8 से ख्म् साल तक के बच्चों का सहारा ले रहे हैं जो अपने साथ के ही बच्चों को नशा बेच रहे हैं। इतना ही नहीं तस्करों ने अब बरेली के बजाए मुजफ्फरनगर के पुरकाजी से खेप दून ला रहे हैं।

दून तस्करों की पहली पसंद

उत्तराखंड की राजधानी में नशा तस्करी का धंधा लगातार बढ़ता जा रहा है। नशा तस्करों के लिए यह तस्करी का आसान ठिकाना बन गया है। इस बात का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि पुलिस द्वारा साल के पहले 7 महीनों में ही तस्करों से बरामद किए गए 7 करोड़ के माल में से फ् करोड़ सिर्फ देहरादून में ही पकड़ा गया है। इसके अलावा देहरादून में स्कूल और कॉलेजों के स्टूडेंट्स नशा कारोबारियों के निशाने पर होते हैं। प्रदेश में तीन से चार जिलों में सबसे ज्यादा फैल रहे इस नशे के जाल को तोड़ने के लिए पुलिस की स्पेशल टीम काम कर रही है। इस स्पेशल टीम में पुलिस के साथ एक स्नेफर डॉग जैनी की भी मदद ली जा रही है।

फ्00 तस्कर जा चुके जेल

राजधानी में इस साल अब तक फ्00 तस्कर जेल जा चुके हैं। यह आंकड़ा पिछले कुछ सालों में बहुत तेजी से बढ़ा है। पिछले साल नशा तस्करी में देहरादून जिले से भ्क्8 तस्करों को पुलिस ने जेल की सलाखों के पीछे पहुंचाया था।

दून में नशा विरोधी अभियान के तहत पुलिस द्वारा कार्रवाई की जा रही है। इसी का कारण है कि अबतक कई तस्कर सलाखों के पीछे जा चुके है। आगे भी अभियान जारी है।

- डा। सदानंद दाते, एसएसपी देहरादून

पिछले तीन सालों में बरामद माल की कीमत

ख्0क्ब् ख्0क्भ् ख्0क्म् अबतक

चरस क् करोड़ फ्ख् लाख क् करोड़ फ्ब् लाख फ् करोड़ क्0 लाख

स्मैक फ् करोड़ ब्8 लाख ख् करोड़ म्9 लाख फ् करोड़ 80 लाख

अन्य माल ख्0 लाख ख् करोड़ फ्0 लाख

औसत कीमत भ् करोड़ म् करोड़ फ् लाख 7 करोड़ ख्0 लाख

Posted By: Inextlive