- बीते बोर्ड एग्जाम में नकल की पुष्टि के बाद भी इस बार बनाया सेंटर

- सेंटर लिस्ट में जर्जर और खस्ताहाल स्कूलों को भी किया गया शामिल

- जिला प्रशासन की रोक के बाद भी दागी स्कूलों को बना दिया सेंटर

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LUCKNOW : माध्यमिक शिक्षा परिषद की ओर से वर्ष 2018 में होने वाले हाईस्कूल और इंटरमीडिएट बोर्ड एग्जाम को नकल विहीन कराने के लाख दावे किये गये थे। बोर्ड ने सेंटर बनाने के लिए नकल माफिया के प्रभाव को कम करने के लिए ऑनलाइन व्यवस्था शुरू की। जिसके तहत पूरे प्रदेश में सेंटर्स का निर्धारण होना था, लेकिन बोर्ड की ओर से किये गये सारे दावे हवा हवाई साबित हो गए। दरअसल, बुधवार रात को बोर्ड की ओर से सभी जिलों की सेंटर्स लिस्ट जारी की गई। जिसमें राजधानी में इस बार 154 सेंटर्स पर एग्जाम कराने की व्यवस्था की गई है। सेंटर्स निर्धारण में कई दागी स्कूलों को भी सूची में शामिल कर लिया गया है।

नकल कराने के दोषी फिर भी बना दिया सेंटर

बोर्ड की ओर से जारी लिस्ट में कई ऐसे दागी सेंटर्स शामिल हैं, जिन्हें खुद जिला प्रशासन कोई भी एग्जाम कराने के योग्य नहीं मानता है। जिन स्कूलों को जिला प्रशासन की ओर से सिविल सेवा की परीक्षा से डिबार कर दिया गया उन्हें भी सेंटर्स लिस्ट में शामिल किया गया है। सबसे रोचक बात यह है कि बोर्ड ने जहां प्राइवेट स्कूलों को जोड़ा है, वहीं कई राजकीय स्कूलों को सेंटर लिस्ट में जगह ही नहीं दी गई है। जबकि बोर्ड ने खुद के ऑर्डर में कहा था कि किसी भी जिलें के सभी राजकीय और एडेड स्कूलों के सेंटर बनने के बाद ही प्राइवेट स्कूलों को सेंटर बनाया जाएगा। डीआईओएस ने जारी सेंटर्स लिस्ट पर सभी स्कूलों से 20 नवंबर तक आपत्ति और सुझाव मांगे हैं।

नकल कराने वालों पर मेहरबान बोर्ड

बीते यूपी बोर्ड एग्जाम में कुंवर आसिफ अली इंटर कॉलेज को सेंटर बनाया गया था। एग्जाम के दौरान इस सेंटर पर सामूहिक नकल की पुष्टि होने के बाद इसे डिबार करने की कार्रवाई की गई थी। यहां तक इस स्कूल में एलयू के एग्जाम में भी नकल की पुष्टि हो चुकी है। इसके बाद भी इसे दोबारा सेंटर बना दिया गया। वहीं नन्हें सिंह स्मारक व महेश सिंह सरस्वती कॉलेज को बीते बोर्ड एग्जाम में डीआईओएस ने अपने स्तर पर की गई जांच में इन दोनों स्कूलों को फर्जी रजिस्ट्रेशन के लिए दोषी पाया गया। जांच में यहां क्षमता से ज्यादा एडमिशन का भी खुलासा हुआ।

सिविल सेवा एग्जाम से भी सेंटर बनाने पर रोक

राजधानी के आवासीय इंटर कॉलेज व प्रियदर्शनी इंटर कॉलेज संघ लोक सेवा आयोग नई दिल्ली का 18 जून को हुए एग्जाम के दौरान एक टीम ने साउथ सिटी और आशियाना क्षेत्र के सेंटर्स का निरीक्षण किया। इनमें प्रियदर्शनी इंटर कॉलेज, आवासीय इंटर कॉलेज, एमजी कॉन्वेंट स्कूल, एसबीएन इंटर कॉलेज, सूर्योदय पब्लिक स्कूल और एसआर मेमोरियल इंटर कॉलेज शामिल हैं। रिपोर्ट में साफ किया गया कि जिन स्कूलों में खामियां मिली हैं उन्हें दोबारा सेंटर न बनाया जाए। इसके बाद भी यूपी बोर्ड के एग्जाम के लिए इन स्कूलों को सेंटर बनाने में बोर्ड के अधिकारियों ने दरियादिली दिखाई है।

खस्ताहाल स्कूलों को भी बना दिया सेंटर

एक ओर जहां नकल के लिए बदनाम स्कूलों को सेंटर बनाया गया है। वहीं दूसरी ओर बोर्ड ने अपने खस्ताहाल स्कूलों को भी सेंटर बना दिया है। डीआईओएस ने दिगम्बर जैन स्कूल का निरीक्षण किया था। यहां पर स्टूडेंट्स के बैठने के लिए पर्याप्त व्यवस्था तक नहीं है। यहां तक स्कूल का भवन भी जर्जर पाया गया था। स्कूल भवन में एक रूम में दो-दो क्लासेज एक साथ चलाई जा रही हैं। स्कूल इतनी संकरी गलियों में बसा है कि सचल दल की गाड़ी स्कूल गेट तक नहीं पहुंच सकती। बावजूद इसके स्कूल को करीब 400 स्टूडेंट्स के लिए सेंटर बनाया गया है। ऐसा ही कुछ हाल हरिचंद स्कूल का है डीआईओएस ने बीते दिनों इस स्कूल के निरीक्षण में भवन के जर्जर होने का खुलासा किया था। स्कूल के कमरों में बड़े बड़े पौधे खड़े हैं। हालत इतनी खराब है कि कभी भी कोई भी हादसा हो सकता है।

हमेशा रहते हैं संदेह के घेरे में

बोर्ड ने कुछ ऐसे स्कूलों को भी सेंटर बनाया है, जो हमेशा से संदेश के घेरे में रहते हैं। इनमें रजत ग‌र्ल्स इंटर कॉलेज शक्तिनगर और स्वतंत्र ग‌र्ल्स इंटर कॉलेज का नाम सबसे ऊपर है। दोनों को बोर्ड एग्जाम के लिए सेंटर बनाया गया है। इन स्कूलों में एक ही कैम्पस में डिग्री और इंटर की क्लासेस संचालित होती हैं। जबकि बोर्ड के नियमानुसार ऐसे स्कूल को सेंटर नहीं बनाया जा सकता है। वहीं राजेन्द्र नगर के सोहनलाल इंटर कॉलेज परिसर सुरक्षित नहीं है। स्कूल की छत पर आसपास के लोगों का कब्जा जमा हुआ है। जुआ खेलने से लेकर शराब तक लोग यहां पीते हैं। इस स्कूल को करीब 635 स्टूडेंट्स के एग्जाम के लिए सेंटर बनाया गया है।

Posted By: Inextlive