RANCHI:दो दिन पहले झारखंड में टोबैको प्रोडक्ट्स की बिक्त्री और उसे खाने पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगा दिया गया है, लेकिन यह प्रतिबंध दुकानदारों के लिए लॉटरी के रूप में काम आ रहा है। दरअसल बिक्त्री पर रोक लगने के बाद दुकानदारो ने पान मसाला बेचना बंद नहीं किया, बल्कि इसे और अधिक कीमत पर बेच रहे हैं। पान मसाला की जो पुडि़या पहले 5 रुपए में बिकती थी, प्रतिबंध के बाद वह 10 रुपए में बिक रही है। वह भी कोई चोरी-छिपे इसकी बिक्री नहीं हो रही बल्कि खुलेआम और बेखौफ होकर दुकानदार इन प्रोडक्ट्स की बिक्त्री कर रहे हैं। लॉकडाउन में जहां एक ओर सबकुछ बंद है और लोगों को राशन तक मिलने में कठिनाई हो रही है, वहीं तंबाकू और इससे संबंधित सभी सामान की बिक्त्री के सिंडिकेट इतने मजबूत हैं कि बडे़ आराम से यह दुकानों में उपलब्ध भी हो रहे हैं और इतनी ही आसानी लोगों तक भी पहुंच रहे हैं। दैनिक जागरण आईनेक्स्ट की टीम ने सिटी के अलग-अलग एरिया में जाकर इसका रियलिटी चेक किया तो कई जगहों पर ये टोबैको प्रोडक्ट्स खुलेआम बिकते पाए गए।

हम तो 10 मांग रहे हैं, बाकी जगह 12 में बिक रहा

स्थान : मधुकम

समय : 11:40 बजे

मधुकम में गुमटी नुमा दुकान में टोबैको और इससे संबधित सभी सामान मौजूद हैं। जब यहां दुकानदार को एक कंपनी का पान मसाला देने को कहा गया तो दुकानदार बगैर एक मिनट देर किए एक पुडि़या तोड़कर पकड़ा दिया। इसकी कीमत दस रुपए देने को कहा। ऐसा क्यों पूछने पर उस दुकानदार ने बताया कि हम लोग कम में ही बेच रहे हैं, दूसरे लोग 12 रुपए ले रहे हैं। जब उससे पूछा गया कि बिक्त्री पर रोक लगन के बाद भी कैसे बेच रहा है तो दुकानदार ने बताया कि अंदर-अंदर सब मिल जाता है।

पैसे का खेल है, बाजार में सब मिल जाता है

स्थान : मधुकम

समय : 12 बजे

मधुकम में ही एक घर के अंदर से पान मसाला की बिक्त्री हो रही है। वैसे इस रोड की अधिकांश दुकानों में पान, बीड़ी, सिगरेट सभी आसानी से मिल जाता है। टोबैको प्रोडक्ट्स खाने वाले लोगों को भी यह अच्छी तरह से मालूम है। इसी रोड में घर के अंदर दुकान खोल कर बैठे युवक से जब गुटखा मांगा गया तो उसने आसानी से अंदर से एक पुडि़या लाकर दे दिया। जब उससे पूछा गया कि कहां से लाकर बेच रहे हैं तो युवक ने कहा कि पैसे का खेल है, बाजार में सब मिल जाता है।

शाम में ऑर्डर लेता है और सुबह पहुंचाता है

स्थान : पिस्का मोड

समय : 12:20 बजे

पिस्का मोड़ एरिया में दूध और ब्रेड की एक दुकान है। दूध, ब्रेड के अलावा यहां सिगरेट और गुटखा भी मिलता है। जब यहां पान मसाला की डिमांड की गई तो यहां भी दुकानदार ने एक पुडि़या तोड़कर दे दिया। जब यह जानने की कोशिश की गई की कहां से यह पान मसाला आ रहा है तो दुकानदार ने बताया कि एक लड़का डेली शाम को आता है, आर्डर लिख कर ले जाता है और सुबह सामान लाकर दे देता है।

होम डिलीवरी भी अवेलेबल

सिर्फ दुकानें ही नहीं बल्कि जो लोग दुकान नहीं जा रहे उनके घर तक भी टोबैको प्रोडक्ट्स पहुंचाए जा रहे हैं, पर उसके लिए अलग रेट लिया जाता है। लॉकडाउन की वजह से कुछ लोगों को टोबैको मिलने मे परेशानी हो रही है तो पान विक्रेताओं ने ही यह सर्विस शुरू की है। वैसे लोग दुकान के रेगुलर कस्टमर हैं, लेकिन घर से निकल नहीं पा रहे हैं। दुकानदार उनसे संपर्क कर स्वयं ही पान मसाला, गुटखा, खैनी आदि पहुंचाने का काम करता है।

सरकारी दफ्तरों की दीवारें रंगी हैं पीक से

सरकारी दफ्तरों में काम करने वाले और बाहर से आने वाले अधिकांश लोग टोबैको का सेवन करते हैं। यही वजह है कि गवर्नमेंट ऑफिस की दीवारें भी गुटखे या पान की पीक से लाल हो गई हैं। हेल्थ डिपार्टमेंट की ओर से तैयार किए गए प्रस्ताव में गवर्नमेंट ऑफिस में भी पान मसाला, खैनी, गुटखा आदि खाने पर रोक लगाने की बात कही गई है। दफ्तरों में लोग खैनी, गुटखा खाकर यहां-वहां थूक देते हैं, जिससे कोरोना के अलावा दूसरी बीमारियों के भी फैलने का डर बना रहता है। इसे देखते हुए यह निर्णय लिया गया है।

टोबैको का सेवन कहीं पर भी नहीं करना चाहिए। आप पब्लिक प्लेस में रहें या एकांत में, इसके सेवन से सबसे पहले नुकसान खुद का ही होता है। इसे खाकर थूकने से दूसरे लोगों को भी परेशानी होती है। इसके थूक से कोरोना जैसी महामारी के अलावा, इंसेफलाइटिस, यक्ष्मा, स्वाइन फ्लू जैसे कई इंफैक्शन फैलने का खतरा रहता है।

-डॉ अनुज पटेल

Posted By: Inextlive