भारत की ओर से काले धन को लेकर बनाए गए नए कानून के बाद से स्विस और यूरो‍पीय बैंक खासे डर गए हैं। इस डर का अंदाजा तो यहीं से लगाया जा सकता है कि अब उन्‍होंने अपने भारतीय ग्राहकों से ये कहना शुरू कर दिया है कि वे सबसे पहले अपने देश के टैक्‍स अधिकारियों के सामने अपने धन का खुलासा करें। इससे अब इतना तो समझ में आ रहा है कि ये बैंक काले धन को बढ़ावा देने का आरोपी बनाए जाने से काफी डरा हुआ है।


ये बैंक शामिल हैं प्राथमिकता से बता दें कि इन बैंकों में स्विट्जरलैंड और लंदन मुख्यालय वाले बैंक प्रमुखता के साथ शामिल हैं। ये बैंक एनआरआई समेत अपने भारतीय ग्राहकों को विदेश में जमा अघोषित संपत्तियों का खुलासा करने के लिए टैक्स विभाग की ओर से घोषित 'वन टाइम कम्प्लायंस विंडो' का लाभ उठाने को कह रहे हैं। काले धन का खुलासा करने के लिए यह खिड़की 30 सितंबर तक खुली रहेगी। इनमें से कुछ बड़े वित्तीय संस्थानों के एक्जेक्यूटिव्स ने कहा कि ये बैंक अपने ग्राहकों से नया हलफनामा देने को भी कह रहे हैं। शपथपत्र में लिखना होगा ग्राहकों को
शपथपत्र में ग्राहकों को ये लिखना होगा कि वे अपने देश में सभी तरह के कानूनों का पालन कर रहे हैं। साथ ही अपने खातों के धन पर सभी टैक्स अदा कर रखे हैं। गौरतलब है कि स्विस बैंकों को काले धन की जन्नत माना जाता है। वहीं नए कानून के तहत विदेश में अघोषित संपत्तियों का खुलासा करने के लिए तीन महीने की अनुपालन खिड़की (कम्प्लायंस विंडो) उपलब्ध कराई गई है। यह मियाद अगले महीने समाप्त हो रही है। इस दौरान अगर भारतीय विदेश में जमा अघोषित संपत्ति का खुलासा करते हैं तो 30 प्रतिशत कर और इतना ही जुर्माना लगाकर उन्हें छोड़ दिया जाएगा। ऐसा करने से वो कानूनी कार्रवाई से बच जाएंगे। वहीं इसके विपरीत इस अनुपालन खिड़की की मियाद खत्म होने के बाद अघोषित विदेशी संपत्ति को रखने वालों को 30 प्रतिशत आयकर देना होगा। इसके अलावा उस पर 90 प्रतिशत का जुर्माना भी लगाया जाएगा। साथ में ऐसे लोगों को 10 साल तक की जेल की सजा भी होगी।कर चोरी को उकसाने वाले को भी मिलेगी सजा नए कानून में कर चोरी को उकसाने वालों को भी दंडित करने का प्रावधान है। यह प्रावधान हर उस व्यक्ति या फर्म लागू होगा जो किसी भी तरह से दूसरे व्यक्ति को इस कानून के तहत देय कर से जुड़े ऐसे खाते या ब्योरे के बारे में गलत बयानी के लिए उकसाता है, जिसके बारे में वह जानता है कि यह ब्योरा या घोषणा झूठ है। ऐसे व्यक्ति को जुर्माने के अलावा छह महीने से सात साल तक की सजा हो सकती है। भारत सरकार स्विट्जरलैंड व अन्य देशों में भारतीयों के जमा काले धन को वापस लाने के प्रयास में बराबर जुटी है।Hindi News from Business News Desk

Posted By: Ruchi D Sharma