-फर्रुखाबाद और फिरोजाबाद में भीषण बस हादसों में 30 से ज्यादा लोगों की जान जाने के बाद भी नहीं खुल रहीं अफसरों की आंखें

- बिना परमिट, फिटनेस, ऑथराइजेशन रिन्युअल और उम्र पूरी होने के कारण ब्लैकलिस्ट में डाली गई बसें भी बेधड़क दौड़ रहीं

KANPUR। फर्रुखाबाद में बीते दिन हुए भीषण बस हादसे में 20 से ज्यादा पैसेंजर्स की मौत और उसके बाद गंगा एक्सप्रेस-वे फिरोजाबाद में दर्दनाक हादसे के बावजूद कानपुर प्रशासन ने कोई सबक नहीं लिया है। न तो ट्रैफिक विभाग जागा है और ना ही आरटीओ के अफसरों की आंखें नहीं खुल रही हैं। अगर आंखें खुली होतीं तो शहर की रोड्स पर सैकड़ों ब्लैकलिस्टेड बसें 'यमदूत' बनकर नहीं दौड़ रही होतीं। इन बसों में किसी के पास परमिट नहीं है तो किसी ने सालों से फिटनेस नहीं कराई तो कई अपनी उम्र पूरी कर चुकी हैं। इसके बाद बाद भी ये रोड्स पर बेधड़क होकर दौड़ रही हैं। जो कभी भी मौत का तांडव कर सकती हैं। लेकिन, अफसरों को शायद इसी का इंतजार है जिसके बाद ही उन्हें अपनी ड्यूटी याद आएगी।

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892 बसें ब्लैक लिस्ट में

आरटीओ सोर्सेस के मुताबिक कानपुर में लगभग 1800 मिनी व टूरिस्ट बसें रजिस्टर्ड हैं। जिसमें से लगभग 892 बसें परमिट, ऑथराइजेशन रिन्युअल, 15 साल की उम्र पूरी होने की वजह से ब्लैक लिस्ट में हैं। इनमें से कुछ बस संचालकों को आरटीओ की तरफ से परमिट व ऑथराइजेशन को रिन्युअल कराने के लिए नोटिस भी जारी हुई है। जिसको बस संचालक नजरअंदाज कर बसों में धड़ल्ले से सवारी ढो रहे हैं।

सात हजार से अधिक व्हीकल

आरटीओ ऑफिसर्स के मुताबिक सिटी में कुल 13 लाख व्हीकल्स रजिस्टर्ड हैं। जिसमें से लगभग सात हजार से अधिक बसें, कारें व गुड्स व्हीकल किसी न किसी कारण से ब्लैक लिस्टेड हैं। इन व्हीकल्स के संचालकों पर कड़ी कार्रवाई करने के बजाए आरटीओ खानापूरी कर अपनी पल्ला झाड़ लेता है। जिससे कोई बड़ी दुर्घटना होने पर उनकी जिम्मेदारी न ठहराई जा सके।

फार्मेलिटी के आगे ड्यूटी है

बीते एक महीने में ही यूपी में दो बड़े बस हादसे हुए हैं। फर्रुखाबाद में हुए हादसे में करीब 20 लोगों की जान गई थी। वहीं तीन दिन पूर्व फिरोजाबाद में हुए हादसे में 13 लोगों की जान चली गई। इसके बावजूद आरटीओ बिना फिटनेस, अपने मुताबिक बनाई गई बस की चेचिस व ब्लैक लिस्ट में शामिल बसों के खिलाफ कोई कारवाई नहीं कर रहा है। फर्रुखाबाद में हुए दर्दनाक हादसे के बाद जरूर खानापूर्ति करने के लिए आरटीओ के सीनियर आफिसर्स ने अभियान चलाकर दो दर्जन से अधिक बसों पर कार्रवाइर्1 की थी।

नहीं चेक कराने आए बस

आरटीओ प्रवर्तन राकेश सिंह ने बताया कि फर्रुखाबाद दुर्घटना के बाद सिटी के 200 बस ओनर्स को नोटिस जारी कर बसों के स्टैंडर्ड चेक करने के लिए बुलाया गया था। जिन्होंने मानक नहीं चेक कराए हैं, इसलिए उनके व्हीकल्स को भी ब्लैक लिस्ट में डाल दिया गया है। अगर बस ओनर्स अपनी बसों के स्टैंड‌र्ड्स चेक कराते है और चेकिंग में सब सहीं मिलता है तो उसे ब्लैक लिस्ट से हटा दिया जाएगा।

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- 13 लाख 43 हजार 835 व्हीकल रजिस्टर्ड

- 7407 व्हीकल इनमें से हैं ब्लैकलिस्टेड

- 820 से ज्यादा बसें भी ब्लैक लिस्ट में

- 1892 टोटल बसें रजिस्टर्ड हैं आरटीओ में

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''आरटीओ का प्रवर्तन दल लगातार चेकिंग अभियान चला रहा है। ई-चालान लागू होने के बाद से चेकिंग के दौरान व्हीकल की पूरी डिटेल आ जाती है। अगर ब्लैक लिस्टेड व्हीकल चेकिंग में पकड़ा जाता है कि उस पर अधिक जुर्माना लगाकर सीज कर दिया जाता है।

राकेश सिंह, आरटीओ प्रवर्तन, कानपुर

Posted By: Inextlive