तेलंगाना को लेकर आंध्र प्रदेश में जारी विरोध प्रदर्शनों के कारण सीमांध्र के छह ज़िलों में पूरी तरह बिजली आपूर्ति ठप्प हो गई है. कई ज़िला अस्पतालों और विशाखापट्टनम एयरपोर्ट पर बिजली का बेहद बुरा हाल है.


इन ज़िलों में प्राइवेट अस्पतालों में भी बिजली नहीं है, वो जनरेटर के ज़रिए बिजली की आपूर्ति कर रहे हैं.हैदराबाद में ईटीवी के वरिष्ठ संवाददाता धनंजय के अनुसार, ''विशाखापट्टनम के किंग जार्ज हास्पिटल में पूरी तरह ब्लैक आउट है, इस अस्पताल में समीपवर्ती तीन जिलों के अलावा ओडिसा के मरीज आते हैं.''हैदराबाद समेत सात जिले आंशिक तौर पर बिजली कटौती से प्रभावित हैं. एक हफ्ते से जारी बंद से आंध्र को करोड़ों रुपये की चपत लग चुकी है.राज्य सरकार हड़ताली बिजली कर्मचारियों को बातचीत के लिए बुलाया है."विशाखापट्टनम के किंग जार्ज हास्पिटल में पूरी तरह ब्लैक आउट है, इस अस्पताल में समीपवर्ती तीन जिलों के अलावा ओडिसा के मरीज आते हैं."-धनंजय, वरिष्ठ संवाददाता, ईटीवीवहीं तेलंगाना राज्य बनने के विरोध में अनशन पर बैठे जगन रेड्डी का रक्तचाप गिर गया है.
वसीमांध्र यानि रायलसीमा सहित तटीय आंध्र के 40 हजार से अधिक बिजली कर्मचारी हड़ताल पर हैं. जिससे उत्पादन पर जबरदस्त असर पड़ा है.सीमांध्र के छह जिलों कृष्णा, गुंटुर, प्रकाशम, तड़पा, पश्चिम गोदावरी और विशाखा सिटी में ब्लैक आउट है, जबकि हैदराबाद समेत कई जिले बिजली संकट से आंशिक तौर पर प्रभावित हुए हैं.बिजली संकट का असर उद्योगों और ट्रेन सेवाओं पर भी पड़ा है.


धनंजय के अनुसार सीमांध्र बिजली कर्मचारी यूनियन की  हड़ताल से राज्य में करीब 4600 मेगावाट उत्पादन ठप हो गया है.कई ट्रेनें रद्दराज्य में कांग्रेस के सांसदों और विधायकों के घरों पर  हमले हुए हैं. विजयनगरम में राज्य के कांग्रेस प्रमुख बोत्सा सत्यनारायण के घर और स्थानीय कार्यालय को निशाना बनाया गया.इनके घरों, ऑफिसों और केंद्रीय सरकार के कार्यालयों की सुरक्षा के लिए 40 से ज्यादा कंपनियां तैनात की गई हैं.अर्द्धसैनिक बलों की टुकड़ियां भी मंगाई जा रही हैं.सोमवार को हालांकि किसी हिंसा और बड़े प्रदर्शन की ख़बर नहीं है. लेकिन पिछले दो दिनों में आंध्र के कई शहरों में प्रदर्शन और हिंसा की घटनाएं हुई हैं. विजयनगरम में शनिवार से कर्फ्यू जारी हैं.जगन का रक्त चाप गिराजगन रेड्डी के बेमियादी अनशन को आज तीसरा दिन है.केंद्रीय मंत्रिमंडल के तेलंगाना को हरी झंडी दिखाने के फैसले के विरोध में वह शनिवार से अनिश्चितकालीन अनशऩ पर बैठे हैं.उनका रक्तचाप गिर गया है. राज्य के तमाम नेता आज उनसे मिलने वाले हैं.वहीं टीडीपी के अध्यक्ष चंद्रबाबू नायडू ने मंगलवार से दिल्ली में अनशन पर बैठने की घोषणा की है.नायडू ने भी  राज्य के बंटवारे को भेदभावपूर्ण और असंवैधानिक बताया है.

उनका आरोप है कि राज्य का विभाजन करके कांग्रेस राजनीतिक लाभ लेने की कोशिश कर रही है.

Posted By: Subhesh Sharma