- गुरुवार देर रात सीएम ने ट्रॉमा स्थित रैनबसेरा का किया था निरीक्षण

- तीमारदारों का आरोप अभी तक कोई इंतजाम नहीं किए गए, पन्नी पर ही सोना पड़ रहा

LUCKNOW: एक तरफ जहां सीएम योगी रैन बसेरे का औचक निरीक्षण कर वहां की व्यवस्थाओं का जायजा लेने के साथ ही वहां मौजूद लोगों से खुद रूबरू होकर उनका हालचाल जान रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ आलम यह है कि जमीनी स्तर पर सुविधाएं मुहैया कराने वाले जिम्मेदार लापरवाही की चादर ओढ़े सो रहे हैं। आलम तो यह है कि जिम्मेदारों को सीएम के निर्देशों के अनुपालन करने तक की चिंता नहीं है। ऐसी ही एक तस्वीर सामने आई है ट्रॉमा स्थित रैन बसेरे की, जहां गुरुवार देर रात सीएम ने खुद निरीक्षण करने पहुंचे थे। लेकिन आलम यह है कि निरीक्षण के चंद घंटे बाद ही शुक्रवार को स्थिति जस की तस हो गई। सीएम को दिखाने के लिए जिन लोगों (खासकर तीमारदारों) को कंबल दिए गए थे, उनसे वापस छीन तक लिए गए। जिसकी वजह से रैन बसेरे में मौजूद हर एक व्यक्ति को जमीन पर पॉलीथिन बिछाकर सर्दी में रात बितानी पड़ रही है।

सीएम ने लगाई थी कड़ी फटकार

सीएम को निरीक्षण के दौरान कई खामियां मिली थीं। इस पर सीएम ने केजीएमयू वीसी प्रो। एमएलबी भट्ट को कड़ी फटकार भी लगाई थी। उन्होंने सख्त आदेश दिया था कि रैन बसेरे की जमीन को पक्का किया जाये और यह सुनिश्चित किया जाये कि कोई भी इतनी ठंड में जमीन पर न सोए। आलम यह है कि सीएम के कड़े निर्देशों के बावजूद मरीजों के तीमारदार जमीन पर पन्नी बिछाकर सोने को मजबूर हैं।

अधिकारियों ने नहीं सुनी

रैन बसेरा में रह रहे शाहजहांपुर से आये प्रमोद और अजय ने नाराजगी जाहिर करते हुये बताया कि जब सीएम आये तो कुछ लोगों को कंबल दिया गया। जब और लोगों ने मांगे तो उनको भगा दिया गया। बताया कि केवल महिलाओं को ही कंबल दिया जा रहा है। यहां कई महिलाएं रह रही हैं, लेकिन सभी को नहीं मिला। जैसे ही सीएम चले गये, जिन लोगों को कंबल दिया गया था, उनसे वापस ले लिया गया। कई लोगों ने कंबल वापस न लेने की प्रार्थना की, लेकिन किसी ने नहीं सुना।

मार्च में खुलेगा नया रैन बसेरा

शताब्दी अस्पताल के पास पावर ग्रिड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया द्वारा सीएसआर के तहत 7.60 करोड़ रुपये की लागत से 210 बेड वाला रैन बसेरा बनवाया गया है। इसका लोकार्पण 2018 में तत्कालीन गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने किया था, लेकिन अभी तक यह शुरू नहीं हो पाया है। यहां पर अभी दो मंजिल और बनाने का निर्माण कार्य चल रहा है। मार्च में कार्य कंप्लीट होने का अनुमान बताया जा रहा है। इसके संचालन के लिए हाल ही में एमओयू भी साइन किया गया है।

कोट

1. सीएम के आते ही कुछ लोगों को ही कंबल दिया गया। हम लोगों ने भी मांगा, लेकिन किसी ने नहीं सुना। बड़ी मुश्किल से रात काट पा रहे हैं। अपनी तरफ से इंतजाम करना पड़ रहा है।

- संजय, मऊ

2. यहां कुछ ही लोगों को कंबल दिया गया, लेकिन सीएम के जाते ही उसे वापस ले लिया गया। अधिकारियों ने भी हम लोगों की नहीं सुनी। यहां कोई इंतजाम नहीं है, ठंड से बचने के लिए खुद से ही जो लाये हैं, वही है।

- लालती देवी, गोरखपुर

3. सीएम ने यहां पर पक्की फर्श बनाने के साथ जमीन पर ठंड से बचाने के लिए कंबल बिछाने के लिए कहा था, लेकिन हम लोग अभी भी पन्नी बिछाकर जमीन पर ही सोने को मजबूर हैं। यहां कोई सुनने वाला भी नहीं है।

- गिरीश मोहन, संत कबीर नगर

Posted By: Inextlive