नहीं उठ सका बैरहना ब्लास्ट के राज से पर्दा
-29 अक्टूबर की सुबह बैरहना में हुआ था ब्लास्ट
-बैलेस्टिक जांच रिपोर्ट में दावा, नहीं मिला कोई बारुद -पुलिस का दावा, गैस के कारण जमींदोज हुआ था दुकान ALLAHABAD: एक ब्लास्ट जिसने पुलिस की नींद उड़ा दी थी। फोरेंसिक से लेकर बीडीएस टीम तक ब्लास्ट का कारण नहीं समझ सकी। एटीएस भी जांच पड़ताल में जुटी रही। लेकिन ब्लास्ट का राज अब हमेशा के लिए राज ही रह जाएगा। क्योंकि पुलिस का दावा है कि वहां ब्लास्ट ही नहीं था। दुकान जमींदोज हो गया था। इसके लिए गैस का जमाव एक कारण हो सकता है। पुलिस के इस खुलासे के बाद इस की जांच अब हमेशा के लिए पुलिस की फाइल में दफन हो जाएगी। ख्9 की सुबह हुई थी घटनाख्9 अक्टूबर की अर्ली मार्निग बैरहना एरिया में चाय-नाश्ते की दुकान पर ब्लास्ट हुआ था। दुकान पूरी तरह जमींदोज गई। दुकान का शटर कई टुकड़ों में बंट कर रोड के उस पार जा गिरा था। दुकान के बाहर ही उसका मालिक सो रहा था। तेज आवाज ने उसकी नींद उड़ा दी थी। जब तक उसे कुछ समझ में आता, सब कुछ खत्म हो चुका था।
जांच में जुटी रहीं एजेंसियाजिस तरह ये घटना हुई थी, उसको देखकर तरह-तरह की चर्चाएं शुरू हो गई। पुलिस आफिसर भी इस केस की जांच पड़ताल में जुट गए। फोरेंसिक एक्सपर्ट और बीडीएस टीम लगा दी गई। लेकिन दोनों ही टीमों को ऐसा कोई प्रमाण नहीं मिला जिससे यह खुलासा हो सके कि ब्लास्ट कैसे हुआ। बीडीएस टीम को कोई बारुद का गंध भी नहीं मिला जिससे वह अंदाजा लगा सके कि अंदर रखे बम या विस्फोटक पदार्थ के कारण यह घटना हुई।
जांच में किया खुलासा इस घटना के बाद नेक्स्ड डे लखनऊ से फोरेंसिक डायरेक्टर जांच करने पहुंच गए। उनके बाद बैलेस्टिक के हेड डॉक्टर संतोष को भी बुलाया गया। ब्लास्ट से मिले सामान को जांच के लिए आगरा ले जाया गया। अब जांच रिपोर्ट आ गई है। कीडगंज पुलिस की मानें तो जांच रिपेार्ट के मुताबिक ब्लास्ट में कहीं भी बारुद नहीं मिला है, जिससे साफ हो गया कि वह दुकान अपने आप ही ढह गया था। वहीं दूसरी ओर फोरेंसिक टीम के डायरेक्टर ने अनुमान लगाया था कि दुकान में गैस रिसाव हो रहा था। इसी दौरान अचानक शार्ट सर्किट होने से ब्लास्ट हो गया। कुछ अनसुलझे रह गए सवाल -अगर ब्लास्ट अपने आप हुआ था तो तेज आवाज कहां से सुनाई दी -बाहर खड़ी गाड़ी का शीशा कैसे टूट गया-दुकान का शटर कैसे रोड के उस पार पहुंच गया
-अगर छत गिरता तो शटर नीचे दब गया होता -जबकि शटर इस तरह टुकड़ों में बंट गया था जैसे कटर से काटा गया हो -दुकान के अदंर रखा फ्रीज ऊपर से डैमेज नहीं हुआ था -सिर्फ अंदर का शीशा टूटा था और पूरा सेफ कैसे था -ब्लास्ट के कई घंटों बाद पहुंची थी फोरेंसिक टीम -जबकि कई सामान दुकान खुद ही हटा दिया था -अगर गैस रिसाव से ब्लास्ट हुआ तो ऐसे हादसे तो हमेशा होते