सात वर्षो से एक ही जिले में तैनात 96 खण्ड शिक्षाधिकारियों का तबादला

नवीन तैनाती स्थल पर एक सप्ताह में कार्यभार ग्रहण करने के निर्देश

ALLAHABAD: लंबे समय से एक ही जिले में तैनात सूबे के सभी जिलों के खंड शिक्षा अधिकारियों (बीईओ) का बड़े पैमाने पर तबादला किया गया है। इसमें एक ही मंडल में सात साल से अधिक समय से तैनात 96 बीईओ को दूसरे मंडलों में भेजे जाने का आदेश शिक्षा निदेशालय ने जारी किया है। नवीन तैनाती स्थल पर बीईओ को एक सप्ताह में कार्यभार ग्रहण करने के निर्देश हैं। स्थानांतरित किए गए अधिकारियों को तत्काल कार्यमुक्त नहीं किए जाने की स्थिति में अनुशासनहीनता मानते हुए उन जिलों के बीएसए खिलाफ विभागीय कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।

टीचर्स से पहले एबीएसए के तबादले

बेसिक शिक्षा परिषद के शिक्षकों के स्थानांतरण व समायोजन के पूर्व एबीएसए के तबादले किए गए हैं। यह तबादले शासन की वार्षिक स्थानांतरण नीति के तहत हुए हैं। जिसमें एक ही मंडल में सात साल पूरा करने वाले अधिकारियों को हटाने का निर्देश था। अपर निदेशक बेसिक शिक्षा विनय कुमार पांडेय ने बताया कि तबादले की पहली सूची में 96 बीईओ के लिए जारी की गई है। उन्हें एक सप्ताह में नवीन तैनाती स्थल पर कार्यभार ग्रहण करने के निर्देश दिए गए हैं। आदेश में कहा गया है कि संबंधित कार्यालय अध्यक्ष स्थानांतरित अधिकारियों को तत्काल कार्यमुक्त करें। ऐसा न करने वाले अफसरों पर विभागीय कार्रवाई होगी और स्थानांतरण का आदेश न मानने वाले बीईओ के खिलाफ अनुशासनिक कार्रवाई की जाएगी। असल में पिछले वर्ष भी तमाम बीईओ के तबादले किए गए थे। लेकिन कई अधिकारियों ने आदेश को ठेंगा दिखा दिया था। इसीलिए इस बार पहले ही स्पष्ट निर्देश जारी किये गये हैं। गौरतलब है कि वार्षिक स्थानांतरण के तहत 30 जून तक तबादला प्रक्रिया पूरी करने के निर्देश थे।

नेक्स्ट वीक जारी होगी दूसरी लिस्ट

बेसिक शिक्षा के अपर निदेशक ने बताया कि शासन की नीति के तहत करीब 160 बीईओ का तबादला होना है। पहली सूची का अनुपालन होने के बाद दूसरी सूची अगले सप्ताह जारी की जाएगी। उनके दावे हैं कि एक ही मंडल में समयावधि पूरी कर चुके किसी भी अधिकारी को अब उस जिले में और नहीं रहने दिया जाएगा। प्रदेश में खंड शिक्षा अधिकारियों के 1050 पद हैं, इसके सापेक्ष 765 बीईओ ही तैनात है। बड़े पैमाने पर तबादला होने के बाद भी बीईओ को पड़ोसी विकासखंड का अतिरिक्त कार्यभार लेना ही पड़ेगा। यह समस्या नई नियमावली बनने तक बरकरार रहेगी, क्योंकि उसी के बाद विभाग नई नियुक्तियों का अधियाचन उप्र लोकसेवा आयोग को भेज सकेगा।

Posted By: Inextlive