- मेरठ में लोग रौब दिखाने के लिए करते हैं हर्ष फायरिंग

- हर साल शादी सीजन में हो जाती हैं दर्जनों घटनाएं

- पुलिस मामले को लेकर नहीं दिख रही गंभीर

आई अलर्ट

Meerut: परिवार में शादी का माहौल। पूरा घर रंगीन रोशनी से जगमग। घर परिवार वाले शादी समारोह में व्यस्त। दरवाजे पर शहनाई की मधुर आवाज। घोड़े पर चढ़ा दूल्हा और बैंड पर आज मेरे यार की शादी है, की ध्वनि। बारात में नाचते युवक और युवतियां। प्रदेश में होने वाले छोटे बड़े शादी समारोहों में ये दृश्य देखने को मिल जाता है। बारात के दरवाजे पर आने के समय दूल्हा और बारात की सजावट देखने के लिए महिलाएं और बच्चे छज्जे पर आ जाते हैं। इसी बीच बारात से चली एक गोली छज्जे पर खड़े किसी एक को लग जाती है। चीख पुकार के साथ ही माहौल गमगीन हो जाता है। हालांकि हर्ष फायरिंग पूरी तरह से प्रतिबंधित है। लेकिन यहां हर दिन हो रही शादियों में दर्जनों राउंड फायरिंग हो रही है, जिन्हे रोकने वाला कोई नहीं?

होती थी आतिशबाजी

लगभग पांच दशक पहले लोग खुशी मनाने के लिए आतिशबाजी करते थे। बदले स्वरूप में लोग फायरिंग करने लगे हैं। परिवार वालों को शादी समारोह के लिए जो अनुमति पुलिस से लेनी होती है उसमें ये सारी शर्ते बताई जाती हैं। इसके बावजूद नियम व शर्तो की धज्जियां तमंचों से फायरिंग कर उड़ाई जा जाती हैं। परिणाम गोली लगने वाला अस्पताल में। फायरिंग करने वाला पुलिस की पकड़ से बचने के लिए जुगत लगाता घूमता दिखाई देता है।

क्या है नियम

हर्ष फायरिंग पर साफ आदेश है कि संबंधित व्यक्ति का लाइसेंस रद कर असलाह जमा कराया जाए। बिना लाइसेंस हथियार वालों पर संबंधित धाराओं में मामला दर्ज कर कार्रवाई की जाए। साथ ही हर्ष फायरिंग की रूलिंग के अनुसार मामला दर्ज हो।

पिछले साल हुई घटनाएं

-11 नवंबर 2015 को दिल्ली रोड स्थित फार्म हाउस में हर्ष फायारिंग के दौरान बच्चे की मौत हो गई थी

- 2 जनवरी 2016 को गंगानगर में हर्ष फायरिंग के दौरान युवक को गोली लग गई थी। जिसमें वह गंभीर रूप से घायल हो गया था।

-3 मार्च 2016 को किठौर में हर्ष फायरिंग के दौरान महिला की मौत हो गई थी।

वर्जन

हर्ष फायरिंग पूरी तरह से प्रतिबंधित है। यदि इसके बावजूद भी लोग इस गलती को दोहरा रहे हैं, तो कार्रवाई निश्चित है।

-जे रविन्द्र गौड़, एसएसपी

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Posted By: Inextlive