देहरादून:

नगर निगम बोर्ड की थर्सडे को होने जा रही बैठक में बीजेपी और कांग्रेस पार्षदों के बीच घमासान की संभावना है। हालांकि यह बोर्ड की दूसरी बैठक है, लेकिन यह पहला मौका है, जब मेयर सुनील उनियाल गामा को पार्षदों के सवालों को सामना करना होगा। इससे पहले शपथ ग्रहण के बाद बोर्ड की पहली बैठक हुई थी, जो सिर्फ एक औपचारिक बैठक थी।

पार्षदों ने कसी कमर

बोर्ड बैठक के लिए भाजपा और कांग्रेसी पार्षदाें ने अपने-अपने मुद्दों पर कमर कसी हुई है। बैठक में निगम में नए जुड़े क्षेत्रों में सफाई व्यवस्था व स्ट्रीट लाइट का मुद्दा तो छाया रहेगा ही, पिछले घोटालों में कोई कार्रवाई न होने को लेकर भी हंगामे के आसार हैं। अधिकारियों की कार्यशैली को लेकर भी पार्षद खासे नाराज हैं। पार्षदों का आरोप है कि निगम अधिकारी उनकी बात नहीं सुनते और ठीक से बात तक नहीं करते हैं। ऐसे में गामा के सामने कांग्रेसी ही नहीं बल्कि भाजपाई पार्षदों को संभालना भी किसी चुनौती से कम नहीं होगा। सीमा विस्तार के बाद नगर निगम दून में वार्डो की संख्या 60 से बढ़कर 100 हो गई है। निगम क्षेत्र में जो नए क्षेत्र जुड़े हैं उनमें अधिकतर शहर के बाहरी व ग्रामीण इलाके हैं। पहले ये सभी क्षेत्र पंचायतों के अधीन थे लेकिन निगम में शामिल होने के बाद से यहां विकास कार्य ठप पड़े हैं। करीब आठ माह से यहां विकास को लेकर चवन्नी भी खर्च नहीं हुई। बाहरी क्षेत्रों से चुनकर आए पार्षद भी लगातार निगम प्रशासन पर दबाव बनाते रहे हैं कि उनके क्षेत्रों में विकास को बजट खर्च किया जाए। गुरुवार को हो रही बोर्ड बैठक में स्ट्रीट लाइट व सफाई जैसी मूलभूत सुविधाओं के मुद्दे बैठक में छाए रहने के प्रबल आसार हैं। विकास कार्यो व अधिकारियों की उदासीनता पर कांग्रेसी ही नहीं भाजपाई पार्षद भी नाराज हैं। इतना ही नहीं गांधी पार्क में अमृत योजना के तहत कराए कार्य में लाखों के घोटाले में अभी तक दोषी अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई न होना भी बड़ा मुद्दा रहेगा।

नगर आयुक्त विनय शंकर पांडेय ने बताया कि बैठक को लेकर पूरी तैयारी हो चुकी है। एजेंडा भी वितरित कर दिया गया है। विधायक बोर्ड के पदेन सदस्य भी होते हैं, इसलिए सभी को बैठक के निमंत्रण पत्र भेज दिए गए हैं।

Posted By: Inextlive