- दो साल की रूही को गंभीर हालत में पीएमसीएच में लाया गया था, बच गई

- रूही की बुआ ने बचायी जान, तुरंत भेजा गया डॉक्टरों के पास

PATNA : बार - बार आंखे खोल अपने चाचा और बुआ को देखती और मां- मां कहकर रोने लगती। दोनों उसे बहलाने-फुसलाने लगते और मां के आने की बात कहते। हम बात कर रहे हैं नाव हादसे में बच गई और वर्तमान में पीएमसीएच के पीआईसीयू में एडमिट दो वर्षीय बच्ची रूही की। अभी उसकी हालत में सुधार है और डॉक्टरों की देख-रेख में है। नाव दुर्घटना के वक्त उसकी मां आरती, पांच वर्षीय बड़ी बहन, बुआ और उनकी दो बेटियों और दादी के साथ थी। परिवार लॉ कालेज घाट के पास रहता है।

शरीर से पानी निकाला गया

जब रूही पीएमसीएच के बच्चा वार्ड पहुंची तो डूबने के कारण पानी भर गया था। डॉक्टरों ने समय रहते पानी निकाल दिया। तब उसका पल्स बेहद कमजोर था। पीडियाट्रिक डिपार्टमेंट के हेड डॉ एके जायसवाल ने बताया कि रूही गंभीर थी, उसे निमोनिया हो सकता था। अभी उसकी हेल्थ कंडीशन में सुधार है। उसे पाइप के जरिये खाना दिया जा रहा है।

बुआ ने गोद में रख बचाया

दुर्घटना के समय मां का साथ छूट गया और वह बुआ उषा देवी के साथ थी। पीएमसीएच में रूही के साथ मौजूद चाचा रजत ने बताया कि बुआ यदि उसे गोद में रखकर किनारे तक नहीं आती और समय पर पीएमसीएच नहीं आती तो उसे बचाना मुश्किल था। डूबकर मरने वालों में उसकी मां आरती, बुआ की दो बेटियां और बुआ शामिल थीं। इस प्रकार मरकर भी उसने बच्ची की जान बचा ली। उसकी मां मृत अवस्था में पीएमसीएच आयी थी। उसके पिता विनोद कुमार प्राइवेट जॉब करते हैं।

सदमें में है मुखिया

परिवार के मुखिया और कर्ता-धर्ता विनोद कुमार के सामने पल भर में अंधेरा छा गया, जब पत्‍‌नी, बेटी को एक साथ खोना पड़ा। सबसे बड़ी जिम्मेदारी दुधमुही बच्ची रूही को मां की कमी को पूरा करने की है। डॉक्टरों ने बताय कि हालत में सुधार है, वह खतरे से बाहर है।

Posted By: Inextlive