kumar.manish@inext.co.inPATNA : राजधानी पटना में मकर संक्रांति के मौके पर गंगा दियारा क्षेत्र में तीन दिवसीय पतंग उत्सव का आयोजन किया गया था. पटनाइट्स सुबह से ही मस्ती के मूड में घर से निकलकर पतंग उत्सव में भाग लेने एनआईटी स्थित दियारा गंगा घाट पहुंचे थे. घाट पर महिला-पुरुष छोटे बच्चों से लेकर युवक और युवतियां सभी इंज्वाय कर रहे थे. आकाश में जहां रंग-बिरंगी पतंगें अठखेलियां खा रही थी. वहीं कुछ लोग से पतंगबाजी के साथ-साथ चूड़ा-दही लिट्टी-चोखा जैसे बिहारी व्यंजनों सहित कई तरह के लजीज व्यंजनों का भी लुत्फ उठा रहे थे. शनिवार को दोपहर तक सभी लोग पूरी तरह से जश्न में डूब चुके थे. चारो तरफ दूर-दूर तक आसमां में रंग-बिरंगे पतंग दिख रहा था. पर किसे पता था कि जीवन की पतंग की डोर इतनी जल्दी टूट जाएगी. हंसी-खुशी का माहौल चंद मिनटों में ही चीख-पुकार और चीत्कार में बदल जाएगा.

सिसकियों में बदला माहौल 

सूरज डूबने के साथ ही खुशी का माहौल सिसकियों में बदल गया। गांगा में डूबे हुए लोगों को निकालने का सिलसिला देर रात तक जारी रहा। घटना की सूचना मिलते ही लोगों का हुजूम गांगा घाट पर जुटने लगा। सभी अपनों की खोज करने में लगे रहे। प्रत्यक्षदर्शियों की मानें तो नाव पर क्षमता से ज्यादा लोगों के सवार होने के कारण यह हादसा हुआ। नाव जैसे ही किनारे से 15 मीटर आगे बढ़ी ज्यादा वजन होने के कारण गंगा की धारा में बैठ गई। घटना के बाद गंगा के किनारे कोहराम मच गया। लॉ कॉलेज घाट पर किनारे पर खड़े लोग चीखने चिल्लाने लगे और गंगा घाट पर देर रात तक चीत्कार गूंजती रही।

 

इतनी भी क्या थी जल्दी

पतंग उत्सव में जहां शनिवार को लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा था। लोग फिल्मी गीतों की धुन पर थिरक रहे थे। नाच-गा रहे थे। गंगा किनारे दियारा में भ्रमण का आनंद उठा रहे थे वहीं रविवार को वीरानगी छाई हुई है। गंगा की रेत पर हजारों लोगों के पैरों की छाप को दिखाकर एक स्थानीय ग्रामीण बताता है कि - देखिये, यहां कल यहां हजारों लोग इंज्वाय कर रहे थे, नाच गा रहे थे। पर गंगा मइया नहीं यह लोगों की गलती के कारण ही हुआ है। न जाने लोग इतनी जल्दबाजी में क्यों रहते हैं इतनी भी जल्दी क्या थी उन्हें घर जाने की

 

बंद पड़े हैं सभी स्टॉल 

दियारा घाट पर बनाया गया फूड स्टॉल आज बंद है। सांस्कृतिक कार्यक्रम के लिए बनाए गए पंडाल को अब हटाया जा रहा है। छोटे-छोटे बनाए गए झोपड़ी आज पूरी तरह से खाली है। दियारा घाट पर ऊंट की सवारी का लुत्फ उठाने वाला आज कोई नहीं है। इस लिए ऊंट भी आज आराम की मुद्रा में बैठा है। एक फूड स्टॉल के दुकानदार का कहना था कि साहब, क्या बताएं? ये सब कैसे हो गया कुछ पता नहीं चला। कल यहां लोगों की इतनी भीड़ थी कि हमें खाने तक का समय नहीं मिला और आज देखिए दोपहर हो गया अबतक एक रुपए की बिक्री नहीं हुई। खाली बैठा हूं। कुछ समझ नहीं आ रहा अब क्या करूं। यहां लोगों के खाने-पीने के लिए कई स्टॉल लगाए गए थे लेकिन, इस हादसे के बाद सभी स्टॉल बंद पड़े हैं।

 

नाव की नहीं थी पर्याप्त व्यवस्था

दियारा के कई स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि पतंग उत्सव में दोपहर के बाद से यहां का माहौल अराजक हो गया था और जिसके कारण पतंगबाजी के दौरान लाठीचार्ज करनी पड़ी थी। कुछ ऐसे लड़के थे जो काफी हुड़दंग मचा रहे थे। सैकड़ों लोग पतंगोत्सव में यहां तो आ गए लेकिन प्रशासन ने नाव की पर्याप्त व्यवस्था नहीं की थी। अंधेरा भी होने लगा था इसलिए लोग यहां से जल्दी घर लौटना चाहते थे लेकिन नाव नहीं होने के कारण सब जल्दी घर पहुंचने के चक्कर में एक ही नाव पर सवार हो गए और ये हादसा हो गया। हादसे के बाद रविवार को दियारा घाट पर जाने से आम पŽिलक की इंट्री पर रोक लगा दी गई थी। एनडीआरएफ और एसडीआरफ की टीम लोगों को ढूंढने के लिए लगातार गंगा में चक्कर काट रही थी। चारों तरफ सन्नटा पसरा हुआ था। लाल जैकेट में लाइफ जैकेट पहने दोनों टीम रेस्क्यू में देर शाम तक लगी रही।

 

गवर्नर ने सीएम से ली जानकारी

गवर्नर रामनाथ कोविंद ने सीएम नीतीश कुमार को फोन कर नाव हादसे की जानकारी ली। उन्होंने शोक जताते हुए इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया और मृतकों के परिजन के प्रति संवेदना व्यक्तकी। उन्होंने पटना डीएम को फोन कर नाव हादसे का Žयौरा लिया। राजभवन के अनुसार रविवार की दोपहर सीएम और डीएम संजय अग्रवाल से फोन पर बात की। पूछा कि सुरक्षा इंतजाम के बाद भी नाव दुर्घटना होने की असल वजह क्या है? गवर्नर ने डीएम को हिदायत दी कि ऐसी घटना दोबारा न हो इसके लिए प्रशासन को मुस्तैद रहने की आवश्यकता है।

Posted By: Inextlive