गंगा के उफान में डूब गई 20 जान

इंट्रो

गंगा में बाढ़ को लेकर दी गयी तमाम वॉर्निग को नजरअंदाज करने का ही नतीजा था कि मंगलवार को 20 बेमौत मारे गये। बनारस और मिर्जापुर सरहद के बीच गंगा की लहरों में एक ओवरलोडेड मोटर बोट के डूब जाने से ये हादसा हुआ। इस दिल दहलाने वाली घटना में करीब 42 लोगों की जान दांव पर लगी जिसमें 22 बचा लिये गये। माना जा रहा है कि डूबने वालों की संख्या ज्यादा भी हो सकती है। कैसे, कब, कहां, क्यों हुआ ये हादसा, पढि़ये हमारी आज की रिपोर्ट में।

अंदर की लीड हेडिंग

लहरों ने तोड़ी बचने की आस, रात तक हुई लाशों की तलाश

क्रासर्स

-रोहनिया के बेटावर घाट के सामने बीच गंगा में डुबी ओवरलोड मोटर बोट

- मल्लाहों और स्थानीय लोगों ने 22 को बचाया, रात तक होती रही लाशों की तलाश

- एक ने हॉस्पिटल में दम तोड़, बढ़ सकती है मरने वालों की संख्या

VARANASI : गंगा में मंगलवार को भीषण नाव हादसा हुआ। रोहनिया थाना एरिया के बेटावर गांव के सामने क्षमता से अधिक सवारियों से भरी नाव उफनती गंगा की लहरों पर लड़खड़ा गयी। जब तक नाविक उसे संभालने की कोशिश करता वह बीच गंगा में समा गयी। उस पर सवार ब्ख् लोग डूबने लगे। बड़ी मशक्कत से ख्ख् लोगों को बचाया गया। इनमें से पांच खुद तैरकर किनारे पहुंचे। अन्य को तट पर मौजूद मल्लाहों और स्थानीय लोगों ने जान पर खेलकर बचाया। हालांकि नाव पर सवार ख्0 भाग्यशाली नहीं थे। तेज लहरें उन्हें बहा ले गयीं। बहाव को देखने के बाद लापता लोगों में किसी के भी बचने की उम्मीद न के बराबर मानी जा रही है। डूबने वालों में से एक ने हॉस्पिटल में दम तोड़ा। डीएम और एसएसपी के नेतृत्व में पुलिस, पीएसी के साथ एनडीआरएफ की टीम रेस्क्यू में लगी है। गोताखोरों की मदद से जनरेटर से की गई रोशनी के बीच देर रात तक लापता लोगों की तलाश होती रही। गंगा में तीन जगहों पर जाल डाला गया है। तेज बहाव और हवा की वजह से बचाव में में बार-बार बाधा आती रही।

ओवरलोड थी मोटर बोट

रोहनिया के बेटावर घाट और मिर्जापुर के गांगपुर घाट के बीच छोटी मोटर बोट चलती हैं। गंगा में ऐसी चलने वाली तीन-चार प्राइवेट मोटरबोट के जरिए लोग मिर्जापुर और बनारस आते-जाते हैं। इसकी झमता फ्0-फ्भ् सवारी ढोने की है। दोपहर बाद लगभग ढाई बजे एक स्टीमर पर ब्ख् लोग बेटावर घाट से गांगपुर के लिये सवार हुए। इनमें छोटे बच्चे, महिलाएं, पुरुष और स्टूडेंट्स थे। इसके साथ लगभग आधा दर्जन बाइक, तीन दर्जन से अधिक साइकिलें, दुधियों के बाल्टे, मोटरबोट पर लदे थे। कुल मिलाकर बोट पर 70-80 लोगों के बराबर वेट हो गया था। छमता से अधिक भार होने की वजह से मोटरबोट पानी में कुछ ज्यादा ही अंदर धंसने लगी। इसके बाद भी गांगपुर के संतोष माझी ने इंजन स्टार्ट किया ओर गंगा में आगे की ओर बढ़ा दिया। महेन्द्र माझी का बेटा भी सहयोगी के रूप में था।

बीच गंगा में समा गयी

उफान पर चल रही गंगा में मंगलवार को तेज हवा से ऊंची लहरें उठ रहीं थीं। बोट बीच गंगा में पहुचीं तो जैसे गंगा को लोगों के इस दुस्साहस पर क्रोध आ गया। लहरें और ऊंची हो जाने से मोटरबोट में भरने लगा। इससे बचने की कोशिश में लोग एक तरह हो गये और बोट झुकी और डूबने लगी। बोट पर सवार लोगों की चीख पुकार के जोर पकड़ने के साथ बोट तेजी से डूबने लगी। बोट को डूबता देख घाट किनारे मौजूद अन्य मल्लाह व स्थानीय नागरिक गंगा में बचाव के लिये कूद पड़े। हालांकि घटना बीच नदी में होने और बहाव तेज होने के कारण वहां तक पहुंचने में ही अच्छा खास वक्त लग गया।

शुरू हुई मौत से जंग

नाव डूबने के साथ ही जिन्हें तैरना आता था वह अपनी जान बचाते हुए तैरकर किनारे की ओर भागे। बोट पर सवार टोटल पांच खुद तैरकर किनारे पहुंचे। अन्य लोगों को मल्लाहों और स्थानीय लोगों ने बचाने की मुहिम शुरू की। हालांकि बचाने वालों से ज्यादा डूबने वालों के होने से बचाव में मुश्किल बढ़ गयी। इसके बावजूद ख्ख् लोगों को सुरक्षित किनारे तक पहुंचाया गया। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक मोटरबोट पर सवार करीब ख्0 लोगों की किस्मत इतनी अच्छी नहीं रही। जब तक उनके पास मदद पहुंचती तब तक गंगा की तेज लहरें उन्हें बहा ले गयीं। मल्लाहों ने इधर-उधर हाथ-पैर मारा लेकिन किसी का कुछ पता नहीं चला। इन सभी के डूबने की आशंका है।

हर तरफ मचा हड़कम्प

गंगा में नाव के डूबने की खबर से पुलिस और प्रशासन में हड़कम्प मच गया। डीएम प्रांजल यादव, डीआईजी, एसएसपी जोगेन्द्र कुमार तत्काल मौके पर पहुंच गए। इनके साथ मिर्जापुर और बनारस की पुलिस, रामनगर पीएससी की यूनिट के साथ ही एनडीआरएफ की दो टीमों ने मौके पर पहुंचकर बचाव कार्य शुरू कर दिया। जब अफसर पहुंचे तब उनके सामने सबसे बड़ा चैलेंज था लापता और डूबे लोगों की डेडबॉडी को निकालना। काशी विद्यापीठ ब्लाक की बीडीओ की अगुवाई में एनडीआरएफ की एक टीम ने बेटावर घाट पर रेस्क्यू के लिये कैम्प किया जबकि कुछ दूरी पर शूलटंकेश्वर घाट पर एक अन्य टीम ने मोर्चा थामा।

कुछ की मिली बॉडी

खबर दिये जाने तक शूलटंकेश्वर घाट पर कुछ अन्य लाशों के मिलने की खबर है। इन डेडबॉडीज के शिनाख्त की कोशिश की जा रही है। इसके अलावा गंगा में डूबे और बह गये लोगों की तलाश के लिये मालवीय ब्रिज, सामने घाट और रामनगर, तीन स्थानों पर जाल लगाया गया है। बड़ी-बड़ी नावों से बहे लोगों की तलाश की जा रही है। घाटों पर जेनरेटर के जरिए लाइट का इंतजाम किया गया है। गंगा के दोनों तरफ हजारों लोगों की भीड़ दे रात तक जमा रही है। इसकी वजह से घाट तक पहुंचना मुश्किल था। बचाव कार्य में बाधा नहीं पहुंचे इसके लिए पुलिस ने भीड़ को घाट की ओर जाने से रोक दिया था।

डीएम के मुताबिक

- नाव बनारस के बेटावर घाट से मिर्जापुर के गांगपुर घाट की ओर जा रही थी।

- नाव पर टोटल ब्0 लोग सवार थे जिसमें ख्ख् को डूबने से बचाया गया।

- नाव पर सवार क्8 लोगों के गंगा में डूबने की आशंका है।

- बचाये गये लोगों में क्फ् लोग मिर्जापुर व 9 वाराणसी के निवासी हैं।

- एनडीआरएफ की दो नाव पूरी रात बेटावर से राजघाट तक लगातार गश्त पर रहेंगी।

- जिन पॉइंट्स पर गंगा में टर्न है, उन सभी जगह लोकल पुलिस को एलर्ट रहने को कहा गया है।

Posted By: Inextlive