-बेटी ने दूसरे समुदाय के युवक से की थी शादी, समाज से परिवार को किया बहिष्कृत

-कब्रिस्तान में डेड बॉडी दफनाने से रोका गया, पुलिस की भी नहीं सुनी

>RANCHI: एक बेटी ने इंटर रिलीजीयन लव मैरिज क्या कर ली, उसकी मां को दफनाने के लिए कब्रिस्तान में दो गज जमीन नहीं दी गई और आखिरकार शव को घर के आंगन में दफनाना पड़ा। आखिर प्यार की इतनी बड़ी सजा और वह भी प्यार करनेवाले नहीं बल्कि उसकी मां को, यह कैसा फरमान है? मामला रांची के इटकी इलाके के कुंदी का है, जहां शव दफनाने को लेकर शुक्रवार को दो समुदाय के लोग आमने-सामने हो गए और विवाद बढ़ता देख पुलिस को मशक्कत करनी पड़ी। आखिरकार शनिवार को घर के आंगन में महिला का शव दफनाया गया। हालांकि महिला ने मृत्यु से पहले कब्रिस्तान में दफनाने की इच्छा जताई थी, लेकिन उनकी यह इच्छा पूरी नहीं हो सकी।

यह है मामला

जानकारी के मुताबिक कुंदी निवासी रिटायर्ड फौजी स्व जूलियस खलखो की 7भ् वर्षीया पत्नी एमनजलीना खलखो की शुक्रवार की सुबह मृत्यु हो गई थी। एमनजलीना आरसी मिशन चर्च की अनुयायी थीं और उनको कोई पुत्र नहीं है। उनकी एक बेटी है जो वर्षो पहले लव मैरिज कर चुकी है। सूचना पाकर एमनजलीना के मायकेवाले कुंदी गांव पहुंचे और कब्रिस्तान में शव दफन करने जाने लगे।

शव दफनाने से रोका

इसी क्रम में वहां मौजूद एक विशेष धर्म के प्रचारक और पंचों ने शव को गांव के कब्रिस्तान में दफनाने पर रोक लगा दी। धर्म प्रचारक का कहना है कि एमनजलीना की बेटी ने दूसरे धर्म के युवक के साथ शादी की है, इस कारण इस परिवार को समाज से बहिष्कृत कर दिया गया है। ऐसे में एमनजलीना की बॉडी कब्रिस्तान में दफन करने की इजाजत नहीं दी जा सकती है।

पुलिस को दी सूचना

मायकेवालों को जब समझ में नहीं आया तो इसकी सूचना इटकी पुलिस को दी गई। पुलिस पहुंची और उनलोगों से शव दफन करने देने की अपील की। पर, विरोध करनेवालों ने एक नहीं सुनी। मामला जब नहीं सुलझा तो थाना प्रभारी फिलमोन लकड़ा ने मृतका के परिजनों से कहा कि शव को निजी भूमि पर ही दफनाने की व्यवस्था करें। अंतत: मायकेवालों ने एमनजलीना के शव को शनिवार को उसके घर के आंगन में ही दफना दिया।

घर में रहते हैं बेटी-दामाद

बताया जाता है कि एमनजलीना की बेटी रेशमा खलखो ने कुंदी के ही युवक डहरू के साथ प्रेम विवाह कर धर्म परिवर्तन कर लिया था। एमनजलीना का कोई बेटा नहीं होने के कारण उसने अपनी बेटी और दामाद को अपने घर में ही रखा था। इसके बावजूद एमनजलीना अपने धर्म को ही मानती रही और अंतिम सांस तक उन्होंने मूल धर्म को नहीं छोड़ा था।

Posted By: Inextlive