RANCHI : बोकारो पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर छापेमारी कर 10 लाख के ईनामी नक्सली मनोरत्नम सोरेन उर्फ टुन्ना सोरेन उर्फ मदन जी को गिरफ्तार किया है। वह केंद्रीय समिति तकनीकी सेल का सदस्य है। वह मूल रूप से गिरिडीह जिले के पीरटांड़ का रहनेवाला है। सारंडा में ठहरे केंद्रीय कमेटी के सदस्य अनल दा और किसन दा को लिखित संदेश पहुंचाने जा रहा था। पुलिस ने उसके पास से विवेक उर्फ प्रयाग दा के नाम का संदेश पत्र जब्त किया है।

जनवरी में रांची आया था प्रयाग दा

मनोरत्नम ने पुलिस को बताया कि जनवरी में विवेक उर्फ प्रयाग दा बोकारो क्षेत्र आया था, तब से वह इसी एरिया में है। जनवरी, 2015 में वह संगठन के टॉप नक्सलियों के साथ अनगड़ा- जोन्हा के जंगल होते हुए बोकारो जिले के गोमिया पहुंचा था। इसकी भनक पुलिस और स्पेशल ब्रांच को भी नहीं लगी थी। इनकी योजना पुलिस पार्टी पर हमले करने की थी।

आंध्रा के गणपति के संपर्क में था मदन जी

बोकारो एसपी विजयालक्ष्मी को मनोरत्‍‌नम सोरेन उर्फ टुन्ना सोरेन उर्फ मदन जी ने पूछताछ में बताया कि वर्ष 2014 में सेंट्रल कमेटी के मेंबर समेत 60 नक्सली दस्ता झुमरा पहाड़ पहुंचा था, जहां से सभी सारंडा तथा बोकारो एरिया के सुदूरवर्ती ठिकानों को अपना पनाहगार बना लया था। वह बिहार के जमुई, पारसनाथ और गोला में पिछले वर्ष हुए मुठभेड़ में शामिल रहा है। उसने यह भी बताया कि नक्सली संगठन के शीर्षस्थ नेता गणपति के संपर्क में वह रहता था। आंध्र प्रदेश और ओडि़सा के नक्सलियों से भी संपर्क था। वर्ष 2004 में पीडब्ल्यूजी और एमसीसी का विलय होकर जब नक्सली संगठनों ने भाकपा माओवादी संगठन बनाया, तब से यह संगठन सक्रिय है। पुलिस पूछताछ में इस बात का भी खुलासा हुआ है कि छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में हुई नक्सली बैठक में मनोरत्‍‌नम सोरेन उर्फ टुन्ना सोरेन भी शामिल था।

क्वोट

मनोरत्नम ने स्वीकार किया है कि वह रांची के अनगड़ा व जोन्हा के जंगलों से होकर अपने दस्ते के साथ गोमिया पहुंचा था और वहीं शरण लिए हुए था। उसके मुताबिक, सेंट्रल कमेटी के कई मेंबर झारखंड के विभिन्न स्थानों पर शरण लिए हुए है।

विजयालक्ष्मी

एसपी, बोकारो

Posted By: Inextlive