देश में लाखों कोर्ट विटनेस हैं, क्योंकि उतने केसेस भी पेंडिंग हैं। ये विटनेस अगर न हों तो करोड़ों लोगों को इन्साफ नहीं मिलेगा। ऐसे में विटनेस प्रोटेक्शन प्रोग्राम होना बहुत जरूरी है। अफ़सोस की बात है कि अधिकतर राज्यों में ऐसी कोई रीति नहीं है। इसी बात का फायदा उठा कर विटनेसेस को काफी कुछ झेलना पड़ता है। इसी विषय पर एक बेहद विचित्र किस्म की फिल्म है बॉम्बेरिया।

कहानी
एक बड़े केस की विटनेस के इर्द गिर्द घूमती है फिल्म कहानी

रेटिंग : साढ़े तीन स्टार


समीक्षा
ये बड़ी अलग किस्म की फिल्म है, फिल्म के शुरुआत में ही निर्देशक और राइटर फिल्म के मेन मुद्दे को अड्रेस कर देते हैं। हर किरदार की एक अपनी जर्नी है जो ऐंड तक आते आते अपने अंजाम तक पहुँचते हैं। फिल्म की पेसिंग इतनी तेज़ है कि कैचअप करना मुश्किल है। ये फिल्म एक दिन की घटना की कहानी है, इसलिए फिल्म का एक एक हिस्सा बड़ा इम्पोर्टेन्ट है। फिल्म की मेसेजिंग क्लियर है और फिल्म के फेवर में काम करती है। फिल्म का बड़ा इंटरेस्टिंग हिस्सा है फिल्म की सिनेमेटोग्राफी, पॉल्यूटेड मुंबई के कुछ बेहद ज़बरदस्त शॉट्स आपको फिल्म के हर मिनट में मिलेंगे। कुछ आइकोनिक हैं जैसे पुलिस की सील चौकी के बाहर बैठे दाढ़ी बनवाते पुलिसवाले और कुछ शॉट सिम्पली ब्यूटीफुल जैसे मुंबई की वाल पेंटिंग्स और ग्रैफिटी आर्ट। फिल्म की स्टोरीटेलिंग काफी यूनीक है। जिस तरह से फिल्म में फोन प्रॉप न होकर फिल्म का एक किरदार बनके उभरता है वो भी गज़ब है।

क्या है कमी
फिल्म के शुरुआती हिस्से में तो मल्टिपल डिसजॉइंटेड किरदार कहानी को इधर उधर भगाने लगते हैं। बड़े ध्यान से हर हिस्से और हर किरदार को देखें तब धीरे धीरे फिल्म पल्ले पड़ना शुरू होती है। अगर ध्यान से न देख पाएं तो फिल्म सर के ऊपर से ही निकल जाए, इसलिए अपनी सीआईडी बुद्धि साथ लेकर जाइये।फिल्म अपने पॉइंट तक आने में काफी वक्त जाया करती है। कुछ ज़्यादा ही रायते की तरह फैला है स्क्रीनप्ले, और कुछ टि्वस्ट और टर्न ओवर द टॉप हैं।

 

Unfold a series of chaotic events with the #BombairiyaTrailer @radhika_apte @siddhanthkapoor @_adilhussain @ravikishann @piasukanya #AkshayOberio #MichaelEWard @bombairiya https://t.co/zRJz0Hhxu5

— Zee Music Company (@ZeeMusicCompany) November 30, 2018

अदाकारी
पूरी की पूरी कास्ट ने बढ़िया परफॉर्म किया है, राधिका आप्टे, अक्षय कपूर, शिल्पा शुक्ल, रवि किशन, आदिल हुसैन, अमित सियाल का काम तो बहुत अच्छा है ही, पर इस बार फॉर अ चेंज एंड एस अ प्लेजेंट सरप्राइज़ सिद्धांत कपूर अच्छा एक्ट करते हैं। एक सीन के लिए जिम सर्ब फिल्म में क्यों हैं, ये मेरी समझ से परे हैं।

वर्डिक्ट
इस फिल्म को लेकर मैं काफी असमंजस में हूँ कि इसे क्या रेटिंग दूँ, मुझे तो फिल्म काफी अच्छी लगी पर इस फिल्म को पसंद कर पाना हर किसी के बस की बात होगी, ऐसा आकलन मुश्किल है। फिर भी हल्की कॉमेडी वाली एक थ्रिलर देखने का मन हो तो 'बॉम्बेरिया' एक बढ़िया चॉइस है।

Review by : Yohaann Bhaargava
Twitter : @yohaannn

Posted By: Chandramohan Mishra