बांबे हाई कोर्ट ने कहा है कि दुष्कर्म का फर्जी मामला दर्ज कराने और फिर सौदेबाजी करके शिकायत वापस लेने वाली महिलाओं पर मुकदमा चलाया जाना चाहिए.


पहले रेप फिर शादी का झांसाजस्टिस साधना जाधव ने गत दिवस एक युवक की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान कहा, हाई कोर्ट में ऐसे बहुत से मामले सामने आ रहे हैं, जिनमें पीडि़त महिला पहले तो दुष्कर्म की शिकायत दर्ज कराती है, लेकिन अभियोजन के दौरान दावा करती हैं कि शादी का वादा करके आरोपी ने उससे शारीरिक संबंध स्थापित किए. अदालत ने कहा कि बालिगों के बीच सहमति से बने ऐसे संबंधों में कभी-कभी गुस्से में दुष्कर्म की रिपोर्ट लिखा दी जाती है, जिसे बाद में वापस ले लिया जाता है. मौजूदा समय में यह चलन सा हो गया जिसका समाज में गलत संदेश जाता है. पुलिस सावधानी बरते ऐसे मामलों में
जस्टिस जाधव ने कहा, पुलिस ऐसी शिकायतों के मामलों में बेहद सावधानी बरते और मुकदमा दर्ज करने से पहले वह गहन जांच के जरिये यह सुनिश्चित कर ले कि दुष्कर्म का मामला सही है भी या नहीं. ज्ञात हो, दिव्येश वाला नामक व्यक्ति ने हाई कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दाखिल की है. केंद्रीय उत्पाद शुल्क निरीक्षक के पद पर तैनात 42 वर्षीय महिला ने वाला के खिलाफ शादी का झांसा देकर दुष्कर्म करने की शिकायत दर्ज कराई है.सोशल साइट्स के जरिए नजदीक आई


वाला का कहना है कि सोशल साइट्स के जरिये नजदीक आई महिला के साथ उसके संबंध जरूर रहे हैं, लेकिन उसने दुष्कर्म नहीं किया. कोर्ट ने वाला को 15 हजार के निजी मुचलके और जांच पूरी होने तक हफ्ते में एक दिन थाने में हाजिरी की शर्त पर जमानत दे दी. अदालत ने कहा कि दोनों बालिग हैं और शिकायतकर्ता ने यह नहीं कहा है कि उसके वाला के साथ यौन संबंध थे. ऐसे में आरोपी को हिरासत में भेजने से कोई फायदा नहीं होगा.

Posted By: Satyendra Kumar Singh