- स्वामी राम हिमालयन यूनिवर्सिटी के कैंसर रिसर्च इंस्टीट्यूट में स्थापित हुई यूनिट

- सीआरआई में वर्कशॉप का हुआ आयोजन, हिमोटोलॉजी, कैंसर पर हुई चर्चा

DOIWALA: स्वामी राम हिमालयन यूनिवर्सिटी के कैंसर रिसर्च इंस्टीट्यूट में हिमोटोलॉजी संबंधित बीमारियों पर आधारित वर्कशॉप का आयोजन किया गया। कार्यशाला में हिमोटोलॉजी, पीडियोट्रिट कैंसर व बोन मैरो ट्रांसप्लांट से संबंधित तकनीक पर विशेषज्ञों ने विचार साझा किये। सीआरआई डायरेक्टर डा। सुनील सैनी ने कहा कि बोन मैरो ट्रांसप्लांट यूनिट की स्थापना से उत्तराखंड ही नहीं पश्चिमी उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश व अन्य शहरों के मरीजों को भी आसानी से व जल्द उपचार मिल सकेगा।

मरीजों को मिलेगा लाभ

शनिवार को एसआरएचयू कैंसर रिसर्च इंस्टीट्यूट सभागार में आयोजित एक दिवसीय वर्कशॉप में डॉ। कुनाल दास ने बताया कि राज्य में एकमात्र सीआरआई को सरकार की ओर से प्री रेफरल सेंटर की मान्यता प्राप्त है। उन्होंने बताया कि रक्त से संबंधित बीमारियों के उपचार के लिए सीआरआई में बोन मैरो ट्रांसप्लांट यूनिट की स्थापना की गई है। यूनिट में बोन मैरो फेलियर, ब्लड कैंसर व रक्त संबंधित रोगों के इलाज के लिए बोन मैरो ट्रांसप्लांट यूनिट की स्थापना की गई है। डॉ। दास ने बताया कि किसी भी व्यक्ति से बोन मैरो लेकर अन्य ग्रसित व्यक्ति में प्रत्यारोपित कर उसे स्वस्थ किया जा सकता है। इसके लिए ह्यूमन ल्यूकोसाइट एंटीजन यानी एचएलए या जीन टाइपिंग होना जरूरी है। कार्यशाला में डॉ। एसके वर्मा, डॉ। बीपी कालरा, डॉ। मुश्ताक अहमद, डॉ। मीनू गुप्ता, डॉ। सौरभ बंसल, संजय डिमरी, रीना हाबिल, आरएस नेगी आदि उपस्थित थे।

Posted By: Inextlive