-पुस्तक मेले में आकर्षण

का केंद्र बनी किशोर कुणाल की बुक

PATNA: पटना पुस्तक मेले में पांच दिनों से बुक लवर्स का जमावड़ा लग रहा है। पटना के गांधी मैदान में यूं तो हमेशा से ही कुछ विशेष होता है। पर, इस बार यूथ का आर्कषण अयोध्या बना हुआ है। प्रभात प्रकाशन की किताब आचार्य कुणाल किशोर की बुक अयोध्या री-विजिटेड लोगों को काफी पसंद आ रही है।

नर्मदा आंदोलन ने समाज को दिया संघर्ष का संदेश

पटना पुस्तक मेले में मंगलवार को नर्मदा आंदोलन की अगुआ मेधा पाटकर मौजूद थीं। जनसंवाद में उन्होंने कहा कि नर्मदा आंदोलन एक जन आंदोलन था। उसने समाज को संघर्ष का संदेश दिया। यह अलग बात है कि न्यायालय का फैसला मनोकुल नहीं आया। उन्होंने आज की सत्ता व्यवस्था पर भी करारा प्रहार किया। एक सवाल पूछा गया कि इतने बड़े आंदोलन को हिम्मत उनमें कहां से आई तो उन्होंने कहा कि अ¨हसा ही ¨हसा की काट है। उनका आंदोलन अ¨हसक था।

काव्य संग्रह हरसिंगार को पसंद कर रहे बुक लवर्स

वहीं युवा साहित्यकार कुमार अरुणोदय की काव्य संग्रह हरसिंगार को भी खूब पसंद किया जा रहा है। इसके अलावा अरुण सिंह की लिखी किताब खोया हुआ शहर जिसमें अपने पटना के अतीत को बड़े ही रुचिपूर्ण ढंग से उकेरा गया है। ये बुक्स पसंद आ रही हैं। रत्‍‌नेश्वर सिंह की रेखना मेरी जान और एक लड़की पानी पानी भी पसंद की जा रही है। क्योंकि इसमें पर्यावरण और क्लाइमेट चेंज को लेकर लिखी गई है।

सुबह से ही उमड़ने लगती है यंगस्टर्स की भीड़

प्रभात प्रकाशन के अमित शर्मा बताते हैं कि सुबह के 11 बजे से लेकर शाम के 8:30 बजे तक हर स्टॉल पर पाठकों की दमदार उपस्थिति रहती है। पुस्तक प्रेमी अपनी मनपसंद किताबें खोजते हैं। बता दें कि 25वें पटना पुस्तक मेला का थीम पेड़, पानी, जिंदगी' है। जल है तो पर्यावरण है, पर्यावरण है तो जीवन है और जीवन है तभी हम आगे बढ़ सकते हैं। मैथिली में रामायण पुस्तक मेले में उपलब्ध है।

Posted By: Inextlive