- गवर्नर राम नाईक ने बुक फेयर का किया उद्घाटन

- पद्मश्री डॉ। सुनील जोशी और शैलेंद्र भाटिया की पुस्तक का किया विमोचन

LUCKNOW :

किताबें हमारी सबसे अच्छी दोस्त होती हैं। किताबों में बहुत पॉवर होती है। इसका सही यूज करने से बड़े से बड़ा दुश्मन भी धराशाई हो जाता है। इतिहास में इसके कई उदाहरण भी देखने को मिले हैं। अंग्रेजों ने साहित्यकारों की किताब पर पाबंदी लगा दी थी। किताब अलमारी की शोभा बढ़ाने के लिए नहीं हैं बल्कि उसमें रचित शब्दों को असल जिंदगी में उतराने की जरूरत है। ये बातें गवर्नर राम नाईक ने फ्राइडे को मोती महल लॉन में बुक फेयर के उद्घाटन पर कही।

दो पुस्तक का किया विमोचन

गवर्नर राम नाईक ने 'स्वच्छता एवं पर्यावरण चेतना' को समर्पित राष्ट्रीय पुस्तक मेले का उद्घाटन किया। इस दौरान पद्मश्री डॉ। सुनील जोशी, मुरलीधर आहूजा, राकेश त्रिपाठी, संयोजक देवराज अरोड़ा समेत सैकड़ों पुस्तक प्रेमी उपस्थित थे। इस अवसर पर गवर्नर ने डॉ। सुनील जोशी की पुस्तक 'गजल घर' और शैलेन्द्र भाटिया की पुस्तक 'सफेद कागज' का विमोचन किया। साथ ही डॉ। जोगी की बेटी शिवोना की चित्रकला प्रदर्शनी का भी उद्घाटन किया। इस दौरान राजकीय विद्यालय की छात्राओं ने कल्चरल प्रोग्राम भी प्रस्तुत किये। वहीं 20 अगस्त तक चलने वाले इस पुस्तक मेले का समापन डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या करेंगे।

ताकत को पहचानने की जरूरत गवर्नर ने कहा कि मुझे खुशी हो रही है कि पिछले 14 वर्षो से लगातार राष्ट्रीय पुस्तक मेले का आयोजन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि किताबें अकेलपन की सबसे बड़ी साथी होती हैं। लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक ने यांगून के मंडाला जेल में रहते हुए 'गीता रहस्य' नाम की पुस्तक लिखी थी और आखिरी बादशाह कहे जाने वाले बहादुर शाह जफर ने भी यांगून की जेल में रहते हुए अपने भावों को शायरी के रूप में प्रस्तुत किया था। उन्होंने कहा कि किताबों की ताकत को पहचानने की जरूरत है।

Posted By: Inextlive