1 अप्रैल से हुई थी परिषदीय स्कूलों में नए सत्र की शुरुआत

- कक्षा एक से लेकर 8 तक के बच्चों को नि:शुल्क होता है किताबों का वितरण

- चार माह बीतने के बाद भी अभी नहीं हो सका सभी किताबों का वितरण

- कक्षा 1, 2 व तीन की एक भी नहीं मिली हैं किताबें

- कक्षा चार में चार व कक्षा पांच में 2 विषयों की किताबों का ही हो सका है वितरण

- किताबों से अधिक स्कूल यूनीफार्म व स्कूल बैग बांटने पर है फोकस

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-चार माह में भी नहीं पहुंची बेसिक स्कूलों में किताबें

-बिना किताबों के कैसे बढ़ेगी स्कूलों में शैक्षिक गुणवत्ता

ALLAHABAD: परिषदीय स्कूलों में शैक्षिक गुणवत्ता बढ़ाने के लिए शासन की तरफ से लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। इसे लेकर लगातार नए कदम भी उठाए जा रह हैं, जिससे स्कूलों में शैक्षिक गुणवत्ता को बढ़ाया जा सके। लेकिन इस बीच विभागीय लापरवाही पूरी तैयारी पर पानी फेर रही है। सच ये है कि परिषदीय स्कूलों में शैक्षिक सत्र शुरू होने के लगभग चार माह बाद भी अभी तक किताबों का वितरण नहीं हो सका है। जबकि विभाग का दावा था कि इस बार किताबों का वितरण समय से होगा।

चंद किताबों के भरोसे चल रही पढ़ाई

परिषदीय स्कूलों में फिलहाल चंद किताबों के भरोसे पढ़ाई चल रही है। सत्र की शुरुआत होने के साथ ही बेसिक शिक्षा के निदेशक सर्वेन्द्र विक्रम सिंह की तरफ से निर्देश जारी हो गया था कि पुरानी किताबों के सहारे पढ़ाई संचालित करायी जाए। शुरूआत के दिनों के लिए इस व्यवस्था को लागू करने की तैयारी थी, लेकिन चार महीने बाद भी स्कूलों में बच्चों को सभी किताबें उपलब्ध नहीं हो सकी हैं। ऐसे में बिना किताबों के शैक्षिक कार्य कराए जा रहे हैं। जबकि स्कूलों में शैक्षिक गुणवत्ता सुधारने के लिए शिक्षा विभाग के अधिकारियों को अलग-अलग डिस्ट्रिक्ट की जिम्मेदारी सौंपी गई है। एससीईआरटी के डायरेक्टर व सचिव बेसिक शिक्षा परिषद संजय सिन्हा से खुद भी इलाहाबाद व वाराणसी जिले की जिम्मेदारी उठायी है।

Posted By: Inextlive