- अब तक बदल चुका है तीन बार सिलेबस

आगरा। भ्रष्टाचार का अड्डा बन चुकी डॉ। भीमराव अंबेकर यूनिवर्सिटी शिक्षा का बंटाधार करने पर लगी है। पालीवाल पार्क स्थित विवि के कैंपस में केंद्रीय लाइब्रेरी किताबों के लिए तरस रही है। 17 वर्ष से यहां कोई नई किताब नहीं आई, जबकि इस बीच तीन बार पाठ्यक्रम बदल चुका है। इसका खामियाजा विद्यार्थियों को उठाना पड़ रहा है।

पुरानी किताबों से पढ़ रहे नया पाठ्यक्रम

विवि में विद्यार्थियों की सुविधा, पढ़ाई के स्तर को ध्यान में रख यूजीसी द्वारा ग्रांट प्रदान की जाती है। पिछले 17 वर्ष में अब तक कई बार निरीक्षण किया जा चुका है, लेकिन लाइब्ररियों को अपडेट करने की कोई कवायद नहीं की गई हैं। जबकि इस दौरान तीन बार पाठ्क्रम में बदलाव आ चुका है। अध्ययन के लिए यहां पहुंचने वाले विद्यार्थियों को पुरानी किताबों से पढ़ाई करनी पड़ रही है।

जर्जर बिल्डिंग, खस्ताहाल किताबें

विवि के केएमआई संस्थान में ऊपरी फ्लोर पर जहां केंद्रीय लाइब्रेरी है, वह भवन पूरी तरह से जर्जर है। जिससे यहां रखीं किताबें खस्ताहाल हैं। बताया जाता है कि यहां सैकड़ों वर्ष पुरानी बहुमुल्य देव लिपिकाएं हैं, लेकिन रखरखाव के आभाव में ये किताबें समाप्त होने की कगार पर हैं।

यहां नहीं खुलती लाइब्रेरी

खंदारी परिसर के एमएससी कम्प्यूटर साइंस में विद्यार्थियों की सुविधा के लिए लाइब्रेरी खोली गई थी, लेकिन आज तक वहां ताला लटका रहता है। विद्यािर्थयों द्वारा कई बार इस संबंध में विभागाध्यक्ष से बात की गई , लेकिन बेनतीजा रही। उनके द्वारा गणित-विज्ञान की लाइब्रेरी भी खोलने की मांग की गई थी।

Posted By: Inextlive