कैरेबियाई प्रीमियर लीग में बॉलिंग करते हुए क्रिकेटर आंद्रे रसल ब्रांडेन मैक्‍युलम को आउट करने के बाद जश्‍न मनाते हुए अचानक बेहोश हों गए। उनके साथी क्रिकेटरों ने दौड़ कर उन्‍हें संभाला पर मैच के दौरान गेंदबाजी करते हुए दिक्‍कत का शिकार होने वाले आंद्रे पहले या अकेले खिलाड़ी नहीं हैं। ऐसी घटनायें क्रिकेट के मैदान पर पहले भी हो चुकी हैं। आइये जानें कि तेज गेंदबाजों के साथ क्‍यों होते हैं ऐसे हादसे और कौन से इससे पहले शिकार होने वाले मशहूर खिलाड़ी।

क्या हुआ था
कैरेबियाई प्रीमियर लीग में ट्रिबेगो नाइटराइडर्स की ओर से गेंदबाजी करते हुए आंद्रे रसल ने जमैका तलवाह के खिलाड़ी ब्रैंडन मैक्युलम को आउट किया और जश्न मनाने के लिए अपने साथियों की ओर दौड़े, अचानक दौड़ते हुए वे लड़खड़ाये और मैदान पर गिर कर बेहोश हो गये। उनके हैरान परेशान साथियों ने उन्हें संभाला और फर्स्ट एड दी। ऐसा हादसा झेलने वाले रसल पहले खिलाड़ी नहीं हैं।

इन खिलाड़ियों के साथ भी हुई दिक्कत
तेज गेंदबाजों के साथ अक्सर दिक्कतें आती रहती हैं और कुछ खिलाड़ी मैदान पर ही परेशानी का शिकार होते रहे हैं। इनमें इंग्लैंड के तेज गेंदबाज डेविड लॉरेंस और पाकिस्तान के फास्ट बॉलर शोएब अख्तर का नाम लिया जा सकता है। बालिंग करते हुए इंग्लिश पेस बॉलर डेविड के घुटने की कैप के दो हिस्सों में टूट गयी थी और वे महीनों तक खेल से बाहर हो गए थे। जबकि रावलपिंडी एक्सप्रेस के नाम से मशहूर पाकिस्तानी पेसर शोएब अख्तर तो भारत के साथ एक मैच के दौरान इतनी गति से दौड़ कर आये कि उनकी सांस नली दवाब से चोक हो गयी और काफी देर तक वो सांस लेने में दिक्कत महसूस करते रहे। बाद में मैदान पर ही फर्स्ट एड लेकर ही वो वापस खेलने के लायक हो सके।

क्या होती हैं दिक्कतें
दरसल एक तेज़ गेंदबाज़ को स्पिनर की तुलना में विकेट की ओर अधिक लम्बे समय तक दौड़ने की जरुरत पड़ती है। यह लम्बी दौड़ तेज़ डिलीवरी के लिए गेंद में एक संवेग उत्पन्न करती है। इसी के चलते कभी कभी तेज गेंदबाजों के सीने पर हवा का तेज दवाब बनने का खतरा हो जाता है और परेशानी पैदा कर सकता है। इसके अलावा रन-अप या दौड़ के अंत में गेंदबाज़ अपने अगले पैर को पिच पर रखता है, इस समय जहां तक हो सके उसे अपने घुटने को सीधा रखता होता है। इससे गेंद को गति देने में मदद मिलती है परन्तु यह खतरनाक हो सकता है क्योंकि इस एक्शन से घुटने के ज्वाइंट पर दबाव पड़ता है। इसीलिए घुटने की चोटें तेज़ गेंदबाज़ों में असामान्य नहीं हैं। तेज़ गेंदबाज़ी पूरे शरीर पर अत्यधिक दबाव उत्पन्न करती है, विशेष रूप से पैर, पीठ और कन्धों पर। इसमें शरीर के बहुत से हिस्से चोट के जोखिम में आ जाते हैं। इसमें टखने की हड्डी टूटने की संभावना होती है, क्योंकि डिलीवरी के समय पैर जब जमीन पर पड़ता है, तो इस पर काफी दबाव पड़ता है। पीठ में स्पास्म और स्ट्रेन की संभावना होती है क्योंकि गेंद की डिलीवरी के समय शरीर को एक चाप में घुमाया जाता है। कंधे के स्नायु के फटने की संभावना होती है क्योंकि गेंद को डालने से ठीक पहले कंधे पर अचानक एक झटका लगता है।

Cricket News inextlive from Cricket News Desk

Posted By: Molly Seth