खेल मंत्रालय ने आखिरकार बॉक्‍सर मनोज कुमार को अर्जुन अवार्ड देने का फैसला किया है. आपको बता दें कि इससे पहले कपिलदेव की अध्‍यक्षता वाली कमेटी ने मनोज कुमार को अर्जुन अवार्ड देने से इंकार कर दिया था.

हाईकोर्ट में दायर की याचिका
अर्जुन पुरस्कार के लिये बॉक्सर जय भगवान के विवादास्पद नामांकन के बाद यह मामला प्रकाश में आया था. इसके बाद मनोज ने खेल मंत्रालय के अधिकारियों से संपर्क किया, जिन्होंने आश्वासन दिया था कि समीक्षा बैठक के बाद उनका नाम पुरस्कार पाने वाले प्लेयर्स की लिस्ट में जोड़ दिया जायेगा. हालांकि कुछ दिनों के इंतजार के बाद जब मनोज का नाम नहीं जुड़ा तो उन्होंने कानून की शरण ली और दिल्ली हाईकोर्ट में मुकदमा दायर किया.
मेरे पास दूसरा विकल्प नहीं था
इस मसले पर बातचीत के दौरान मनोज ने बताया कि,'मुझे अदालत जाने में बिल्कुल भी अच्छा नहीं लग रहा था, लेकिन मेरे पास कोई और विकल्प नहीं था. मुझे खुशी है कि मैं सही साबित हुआ, जिससे एशियाई गेम्स से पहले मेरा मनोबल बढ़ा है.' इसके अलावा उन्होंने कहा,'मैं अपने बड़े भाई राजेश का शक्रगुजार हूं, जिसने व्यवस्था के खिलाफ अकेले मेरे लिये लड़ाई लड़ी. यह दुखद है कि मुझे अपने अधिकार के लिये इस तरह से लड़ना पड़ा.

डोपिंग में संलिप्त माना

मनोज ने बताया कि मंत्रालय के फैसले के बारे में उन्हें सुबह सूचना मिली. उन्होंने कहा, खेल मंत्रालय में संयुक्त सचिव ओंकार केडिया ने मेरे भाई राजेश को इस बारे में मंगलवार शाम को बताया, लेकिन मुझे सूचना आज सुबह ही मिली. हालांकि मंत्रालय की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल संजय जैन ने अदालत में स्वीकार किया कि मनोज के नाम पर पुरस्कार के लिये इसलिये विचार नहीं किया गया, क्योंकि कमेटी ने गलती से उसे डोपिंग मामले में लिप्त मान लिया था.

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Posted By: Abhishek Kumar Tiwari