- असिस्टेंट प्रोफेसर की बहाली मामला

- बिना स्क्रूटनी के वाइवा हुआ तो बहुत तरह की दिक्कतें आएंगी सामने

PATNA : बिहार में असिस्टेंट प्रोफेसर की बहाली को लेकर जितनी बड़ी संख्या में आवेदन आए हैं वही बड़ा सिरदर्द बनने वाला है। यह बहाली बीपीएससी क्98ख् के बाद पहली बार कर रही है। क्98ख् से पहले यूनिवर्सिटी बहाली करती थी और सर्विस कंफर्मेशन बीपीएससी करता था। क्98ख् में जगन्नाथ मिश्र ने यूनिवर्सिटी सर्विस कमीशन बनाया जो ख्00फ् तक काम करता रहा। क्0 मार्च ख्007 को यूनिवर्सिटी सर्विस कमीशन को हटाकर नीतीश कुमार ने यूनिवर्सिटी को पावर दे दिया कि यूनिवर्सिटी ही नियुक्ति करे और सर्विस कंफर्मेशन व प्रमोशन भी वही देखे। लेकिन इसमें गड़बडि़यां आने लगीं। इसके बाद अप्रैल ख्0क्0 में फैसला लिया गया कि यूनिवर्सिटी में शिक्षकों की नियुक्ति बीपीएससी से होगी। सर्विस कंफर्मेशन और प्रमोशन यूनिवर्सिटी को देखने को कहा गया।

दो लाख से ज्यादा अप्लीकेंट

सूत्रों के अनुसार अभी दो लाख से ज्यादा अप्लीकेंट हैं जिन्होंने असिस्टेंट प्रोफेसर पोस्ट के लिए बीपीएससी में अप्लाई किया है। दूसरी तरफ साढ़े तीन हजार के लगभग पोस्ट पर बहाली होनी है। इतनी बड़ी संख्या में देश भर से अप्लीकेशन शामिल हुए हैं कि अपने आप में बड़ी सिरदर्दी बनने वाली है। 8भ् परसेंट एकेडमिक औैर क्भ् परसेंट वाइवा पर मा‌र्क्स मिलना है।

वाइवा लेना आसान नहीं

बीपीएससी की ओर से इतनी बड़ी संख्या में अप्लीकेंट का वाइवा लेना आसान काम नहीं होगा। नेट का रिजल्ट भी मई-जून में आएगा। इसमें बड़ी संख्या ऐसे कैंडिडेट्स भी होंगे जो नेट पास नहीं किए हुए हैं या इस बार भी नेट नहीं कर पाएंगे। नेट भी इतनी बड़ी संख्या में रिजल्ट नहीं देने जा रहा है। ऐसे में नेट पास नहीं किए हुए स्टूडेंट्स को छांटा गया तो बवाल तय है। धरना-प्रदर्शन का दौर फिर शुरू हो जाएगा। बिहार सरकार की ओर से कई तरह के इंस्ट्रक्शन अभी भी आयोग को नहीं मिले हैं कि क्या करना है। इससे भी पेंच फंसने की आशंका है। दूसरी तरफ स्क्रीनिंग यानी रिटेन एग्जाम के बिना इतनी बड़ी संख्या में वाइवा लेना संभव नहीं हो पाएगा। महीने-दर महीने लग जाएंगे।

एजुकुशन स्टेट गवर्नमेंट के अधीन आता है। नेट से वंचित छात्रों को भी इंटरव्यू में शामिल करने का मौका सरकार को देना चाहिए। नेट किए हुए कई स्टूडेंट्स का एकेडमिक कॅरियर बढि़या नहीं। बिना नेट के पीएचडी किए हुए भी अच्छे एकेडमिक कॅरियर वाले हैं। उन्हें भी मौका मिले।

- रणधीर सिंह, एक्स जेनरल सेक्रटरी, पटना यूनिवर्सिटी टीचर्स यूनियन

Posted By: Inextlive